दुबई, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में प्रथम हिन्दू मंदिर के निर्माण की आज आधारशिला रखी। मोदी ने इस पवित्र स्थल को मानवता एवं समरसता का ‘‘उत्प्रेरक तत्व’’ बताया जो भारत की पहचान का माध्यम बनेगा। मोदी ने दुबई ओपेरा हाउस से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बीएपीएस स्वामी नारायण मंदिर की आधारशिला रखी। इस दौरान दुबई ओपरा हाउस में उन्होंने भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित भी किया।
तालियों की गड़गड़ाहट के बीच वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मंदिर के निर्माण से संबद्ध सभी लोगों से मैं अनुरोध करना चाहूंगा कि यहां के शासकों ने भारत के प्रति बहुत आदर दिखाया है। उन्हें भारतीय संस्कृति के इतिहास पर गर्व रहा है। अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हमारी ओर से कोई भूल नहीं हो।’’
मोदी ने मंदिर निर्माण से संबद्ध लोगों और श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि किसी अन्य को परेशानी नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी आपसे यही आकांक्षा है। प्रधानमंत्री ने गल्फ अमीरात में इस भव्य मंदिर के निर्माण के लिए 125 करोड़ भारतीयों की ओर से अबू धाबी के शहजादा मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान का धन्यवाद किया।
तालियों की गड़गड़ाहट के बीच मोदी ने कहा, ‘‘अबू धाबी के शहजादे के मंदिर निर्माण की बातचीत की दिशा में आगे बढ़ने से लोग हैरान थे। मैं 125 करोड़ भारतीयों की ओर से उनका पूरे दिल से धन्यवाद करना चाहता हूं। मोदी ने कहा कि यह मंदिर ‘‘भारत की पहचान का माध्यम’’ बनेगा। वहां मौजूद जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमलोग ऐसी संस्कृति में पले पढ़े हैं जहां मंदिर मानवता का माध्यम रहे हैं… धार्मिक स्थल मानवता एवं सद्भाव के उत्प्रेरक तत्व हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह मंदिर ना सिर्फ वास्तुकला और भव्यता के दृष्टिकोण से अद्भुत होगा, बल्कि यह पूरी दुनिया के लोगों को वसुधैव कुटुंबकम का संदेश भी देगा। मंदिर समिति के सदस्यों ने बीती शाम अबू धाबी में मोदी एवं शहजादा मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को मंदिर से जुड़ा साहित्य भेंट किया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अबू धाबी – दुबई राजमार्ग पर बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर की आधारशिला रखने के साक्षी बने! अबू धाबी के शहजादे द्वारा उदारतापूर्वक दी गई जमीन पर अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का निर्माण हो रहा है जो संयुक्त अरब अमीरात की सहिष्णुता एवं सद्भाव के प्रति उसकी प्रतिबद्धता दर्शाता है।’’
वर्ष 2015 में खाड़ी देश की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री की यह दूसरी यूएई यात्रा है। अबू धाबी में यह मंदिर 55,000 वर्ग मीटर भूमि पर बनेगा। मंदिर का निर्माण भारतीय वास्तुकार कर रहे हैं और इसके लिये सामग्री यूएई से मिली है। निर्माण कार्य 2020 में पूरा होगा और यह सभी धर्म के लोगों के लिये खुला रहेगा। वर्ष 1907 में स्थापित सामाजिक-आध्यात्मिक हिन्दू संगठन बोचासनवासी श्री अक्षर पुरषोत्तम स्वामीनारायण संस्था से प्रवक्ता ने कहा कि पश्चिम एशिया में यह पहला पारंपरिक हिंदू पाषाण मंदिर होगा।
बीएपीएस दुनियाभर में 1,100 से अधिक मंदिरों एवं सांस्कृतिक परिसरों की देखरेख करता है। मंदिर में पारंपरिक हिंदू मंदिर के सभी पहलू एवं विशेषताएं शामिल होंगी और यह पूर्ण रूप से कार्यात्मक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक परिसर होगा। यह नयी दिल्ली में बीएपीएस मंदिर की प्रतिकृति तैयार करेगा और न्यू जर्सी में ऐसे एक मंदिर का निर्माणकार्य जारी है।