नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘‘बंधन एक्सप्रेस’’ को हरी झंडी दिखायी । इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल थीं । बंधन एक्सप्रेस पश्चिम बंगाल के कोलकाता और बांग्लादेश के औद्योगिक शहर खुलना के बीच प्रत्येक बृहस्पतिवार को चलेगी।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विकास और सम्पर्क दोनों एक साथ जुड़े हुए हैं और हम दोनों देशों के बीच जो सदियों पुराने एतिहासिक संबंध हैं, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के लोगों के बीच, उन्हें मजबूत करने की दिशा में आज हमने कुछ और क़दम उठाए हैं । खासकर पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के लोगों के बीच आवाजाही और संपर्क बेहतर होंगा।
उन्होंने कहा कि आज हमने दो रेल पुलों का भी उद्घाटन किया है। लगभग दस करोड़ डालर की लागत से बने ये पुल बांग्लादेश के रेल सम्पर्कों को मजबूत करने में सहायक होंगे। बांग्लादेश के विकास कार्यों में विश्वस्त साझेदार होना भारत के लिए गर्व का विषय है । कार्यक्रम में दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी जुड़ी हुई थीं।
मोदी ने कहा कि कुछ समय पहले हमने दक्षिण एशिया उपग्रह के प्रक्षेपण के समय इसी प्रकार वीडियो कांफ्रेंसिंग की थी। पिछले वर्ष हमने मिलकर पेट्रापोल आईसीपी का उद्घाटन भी इसी प्रकार किया था । आज हमारी कनेक्टिविटी को मज़बूत करने वाली महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन हमने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया ।
उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश की राजधानी ढाका और पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के बीच मैत्री एक्सप्रेस ट्रेन पहले से ही चल रही है। अब बंधन एक्सप्रेस के शुरू होने से दोनों देशों के बीच नजदीकियां बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि वह समझते हैं कि मेरा शुरू से ही मानना रहा है कि पड़ोसी देशों के नेताओं के बीच सही मायने में पड़ोसियों जैसे संबंध होने चाहिए। जब मन किया तो बात होनी चाहिए, यात्रा होनी चाहिए। इस सबमें हमें प्रोटोकाल के बंधन में नहीं रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय यात्री टर्मिनस के उद्घाटन से कोलकाता-ढाका मैत्री एक्सप्रेस और आज शुरू हुई कोलकाता-खुलना बंधन एक्सप्रेस के यात्रियों को काफी सुविधा होगी। इससे उन्हें न सिर्फ़ कस्टम और आव्रजन में आसानी होगी, बल्कि उनकी यात्रा के समय में भी 3 घंटे की बचत होगी।
मोदी ने कहा कि मैत्री और बंधन, इन दोनों रेल सुविधाओं के नाम भी हमारे साझा दृष्टिकोण के अनुरूप हैं। जब भी हम कनेक्टिविटी की बात करते हैं, तो मुझे हमेशा आपके ध्यान में 1965 से पहले की कनेक्टिविटी को बहाल करने के दृष्टि का ख़याल आता है। मुझे बहुत ख़ुशी है कि हम इस दिशा में क़दम-दर-क़दम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं।