भोपाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल धनतेरस के अवसर पर मध्यप्रदेश के साढ़े 4 लाख परिवारों काे दीपावली के पूर्व ‘अपने घर’ का उपहार देंगे।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री मोदी इन परिवारों को धनतेरस के दिन प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास की सौगात देते हुए वर्चुअल गृह-प्रवेश करवायेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गृह-प्रवेशम के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में सतना से शामिल होंगे। इस कार्यक्रम का शुभारंभ कल अपराह्न तीन बजे होगा।
प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) निर्माण में मध्यप्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। प्रतिमाह आवास निर्माण की संख्या करीब एक लाख तक पहुँच गई है। पिछले वित्त वर्ष में 2 लाख 60 हजार आवास पूर्ण किए गए थे। इस वित्त वर्ष के शुरूआती 6 माह में 4 लाख 30 हजार से अधिक आवास पूर्ण कर लिए गए हैं।
प्रदेश में योजना में अब तक 48 लाख ग्रामीण आवास स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से 29 लाख आवास पूर्ण हो गये हैं। इन आवासों पर 35 हजार करोड़ रुपए से अधिक व्यय हुआ है। विशेष परियोजना में गुना एवं श्योपुर जिलों में 18 हजार 342 आवास स्वीकृत हुए हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के बजट में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में इस वर्ष के बजट में 400 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इस वित्त वर्ष में योजना पर अमल के लिए प्रदेश के लिये 10 हजार करोड़ रूपये का बजट प्रावधान है जिसमें 6 हजार करोड़ रूपये केन्द्र सरकार और 4 हजार करोड़ रूपये राज्य सरकार देगी।
योजना में हितग्राहियों को आवास निर्माण सामग्री रेत, लोहा, ईंट, गिट्टी, सीमेंट, लकड़ी आदि किफायती दरों पर आसानी से उपलब्ध कराने के लिये आवास सामग्री एप बनाया गया है। इस एप पर 14 हजार 850 सामग्री विक्रेता और 32 हजार सेवा-प्रदाता मिस्त्री, बढ़ई, इलेक्ट्रिशियन, प्लम्बर, पुताई वाला आदि का पंजीयन किया गया है। जिलों में सामग्री की दरों को प्रशासन द्वारा भी नियंत्रित किया गया है।
योजना में आवास निर्माण के लिये 51 हजार से अधिक राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें 9 हजार महिला राजमिस्त्री हैं। वर्तमान में 8 हजार राजमिस्त्रियों का प्रशिक्षण चल रहा है।
आवासों के निर्माण में फ्लाई ऐश ईंटों का प्रयोग भी किया जा रहा है। विद्युत संयंत्र वाले जिलों में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में फ्लाई ऐश ईंटों की निर्माण इकाइयों की स्थापना की गई है। इससे 37 महिला स्व-सहायता समूहों के 324 सदस्यों को 30 मशीनें उपलब्ध करा कर रोजगार भी दिलवाया गया है। प्रतिमाह लगभग 13 लाख 68 हजार फ्लाई ऐश ईंटों का विक्रय किया जा रहा है।
आवास निर्माण के लिये 9 हजार 995 स्व-सहायता समूहों के 18 हजार 776 सदस्यों को बैंकों से ऋण दिलवा कर सेंट्रिंग सामग्री उपलब्ध कराई गई है।
योजना में 20 लाख 83 हजार हितग्राहियों को अन्य योजनाओं से कन्वर्जेंस का लाभ भी दिया गया है। मनरेगा से मजदूरी, उज्ज्वला योजना से गैस कनेक्शन, स्वच्छ भारत मिशन से शौचालय और आयुष्मान योजना से स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं।
हितग्राहियों की परेशानियों का निदान करने के उद्देश्य से टोल-फ्री नम्बर 155237 स्थापित किया गया है।