नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि भारत ने हमेशा शांति, एकता और सद्भाव का संदेश दिया है और हमारे सशस्त्र बल दुनिया भर में संयुक्त राष्ट्र मिशनों के माध्यम से इस दिशा में योगदान देते रहे हैं। अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान में करीब 7,000 भारतीय सुरक्षा कर्मी शांतिरक्षण मिशनों में तैनात हैं और यह शांतिरक्षण अभियानों में तीसरा सबसे बड़ा योगदान है। मोदी ने सुरक्षा बलों के साथ कश्मीर के गुरेज सेक्टर में मनाई गई दिवाली को याद करते हुए कहा कि हमारे जवान, न सिर्फ़ हमारी सीमाओं पर, बल्कि विश्वभर में शांति स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
मोदी ने कहा कि अब तक 18 हज़ार से अधिक भारतीय सुरक्षा-बलों ने संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षण अभियानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उन्होंने कहा कि अगस्त 2017 तक भारतीय जवानों ने संयुक्त राष्ट्र के विश्वभर के 71 शांतिरक्षण अभियानों में से लगभग 50 अभियानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। भारत लगभग 85 देशों के शांतिरक्षकों को प्रशिक्षण देने का भी काम कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांगो और दक्षिण सूडान में भारतीय सेना के अस्पताल में 20 हज़ार से अधिक रोगियों का इलाज़ किया गया है और अनगिनत लोगों को बचाया गया है। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान की प्रस्तावना और संयुक्त राष्ट्र चार्टर की प्रस्तावना, दोनों ‘वी द पीपुल’ शब्दों के साथ शुरू होती है। भारत ने नारी समानता पर हमेशा ज़ोर दिया है और यूएन डिक्लेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स इसका जीता-जागता प्रमाण है।
मोदी ने कहा कि दीपावली के छह दिन बाद मनाया जाने वाले महापर्व छठ के केंद्र में सूर्य और जल हैं वहीं पूजन विधि से जुड़ी अन्य सामग्रियां बांस और मिट्टी के बने बर्तन आदि हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया सिर्फ उगते सूर्य को नमस्कार करती है लेकिन आस्था के महापर्व छठ में उनको भी पूजने का संदेश दिया जाता है जिनका डूबना निश्चित है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने आधुनिक अखण्ड भारत की नींव रखी और इसके लिए उन्होंने जरूरत के अनुसार, मान मनौव्वल तथा बल प्रयोग किया एवं जटिल समस्याओं का व्यावहारिक हल निकाला। मोदी ने कहा कि सरदार पटेल ने कहा था – “जाति और पंथ का कोई भेद हमें रोक न सके, सभी भारत के बेटे और बेटियाँ हैं, हम सभी को अपने देश से प्यार करना चाहिए और पारस्परिक प्रेम तथा सद्भावना पर अपनी नियति का निर्माण करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरदार पटेल का यह कथन आज भी हमारे नये भारत के दृष्टिकोण के लिए प्रेरक है, प्रासंगिक हैं और यही कारण है कि उनका जन्मदिन ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 31 अक्तूबर को सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर देशभर में ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें बच्चे, युवा, महिलाएँ, सभी आयु-वर्ग के लोग शामिल होंगे। उन्होंने सभी लोगों से इसमें भाग लेने की अपील की।