बरेली, पीलीभीत टाइगर रिज़र्व हजारा क्षेत्र के आरक्षित वन क्षेत्र में दुलर्भ प्रजाति की फिशिंग कैट के तीन बच्चे मिले है।
सामाजिक वानिकी वन विभाग के अधिकारियों ने रेस्क्यू कर तीनों बच्चोaं और उसकी माँ को जंगल में सुरक्षित स्थान पर छोड़ा है। नर फिशिंग कैट की तलाश जारी है।
पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के उपनिदेशक नवीन खंडेलवाल ने मंगलवार को बताया कि फिशिंग कैट (मछली पकड़ने वाली बिल्ली) पीलीभीत टाइगर रिज़र्व में मार्च में देखने को पहली बार मिली थी। दूसरी बार छह महीने बाद देखने को मिली है ,वह भी तीन बच्चों के साथ। यह पीलीभीत टाइगर रिज़र्व की उपलब्धि है। फिशिंग कैट एक कुशल तैराक होती है और मछली का शिकार करने के लिए अक्सर पानी में प्रवेश करती है।
नम भूमि यानी वेटलैंड्स मछली पकड़ने वाली बिल्ली का पसंदीदा आवास है । बरेली के मुख्य वन रक्षक ललित वर्मा ने बताया कि गांव अशोक नगर के पास हजारा का आरक्षित जंगल कक्ष संख्या एक के पास फिशिंग कैट के नवजात शिशुओं का रेस्क्यू किया गया। लोगों की आवाजाही कम होने और वातावरण अनुकूल होने पर फिशिंग कैट को अपने बच्चों सहित जंगल क्षेत्र में सुरक्षित ठिकाने पर भेज दिया गया है।
उन्होंने बताया कि फिशिंग कैट के लगभग 65 दिनों के गर्भ के बाद एक से 4 बच्चे होते हैं ,जब तक वह 6 महीने के नहीं हो जाते तब तक वह उनकी मां उनका पालन पोषण करती है। लगभग 8 से 10 महीने की उम्र में वयस्क होते हैं, अपनी मां को लगभग 12 महीने की उम्र में छोड़ते हैं। जंगल के पास रहने वाले ग्रामीणों को फिशिंग कैट के संरक्षण के प्रति और अधिक जागरूक किया गया है। पीलीभीत टाइगर रिज़र्व में फिशिंग कैट का पाया जाना दुर्लभ है।