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प्रदेश को करेंगे रोशन मगर खुद के घर अंधेरा रखेंगे बिजली कर्मचारी

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों ने सरकार को भरोसा दिलाया कि वे इस साल दीपावली पर रिकार्ड बिजली आपूर्ति करेंगे मगर साथ ही सरकार पर उत्पीड़नात्मक कार्यवाही वापस न लेने पर खेद जताते हुये प्रकाशोत्सव नहीं मनाने का ऐलान किया।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने गुरुवार को यहां जारी विज्ञप्ति में कहा “ दीपावली के अवसर पर प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के बिजली-कर्मी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार प्रकाश पर्व पर अधिकतम बिजली आपूर्ति का कीर्तिमान बनाने केलिये कृत संकल्प है और निर्बाध विद्युत आपूर्ति के कार्य में पूरी निष्ठा से दिन रात जुटे हुए हैं। साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा जारी एकमुश्त समाधान योजना की सफलता के लिये भी पूरी निष्ठा से जुटे हुए हैं। बिजली कर्मियों का पूरा प्रयास होगा कि प्रकाश पर्व पर बिजली का कोई व्यवधान न हो।

संघर्ष समिति ने कहा कि अत्यन्त खेद का विषय है कि ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा द्वारा पिछली 19 मार्च को समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां वापस लेने की घोषणा के बावजूद आज आठ माह बाद भी उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां वापस नहीं ली गई हैं जिससे एक लाख से अधिक बिजली कर्मी और उनके परिवार जन अत्यधिक व्यथित हैं और पीड़ा में हैं। ऐसी स्थिति में प्रदेश के एक लाख से अधिक बिजली कर्मचारी, निविदा/संविदा कर्मी ,जूनियर इंजीनियर और अभियंता एवं उनके परिवारजन इस वर्ष दिपावली पर सांकेतिक पूजन करेंगे लेकिन कोई प्रकाश उत्सव नही मनाएंगे।

समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि मार्च 2023 में बिजलीकर्मियों ने सांकेतिक हड़ताल की थी, जिस कारण बिजली कर्मियों पर निलम्बन, निष्कासन, आरोप पत्र, एफआईआर एवं विजिलेंस जांच आदि की उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों की गयी थी। हड़ताल के दौरान ऊर्जा मंत्री और संघर्ष समिति के मध्य कई चक्र की बातचीत के बाद ऊर्जा मंत्री द्वारा समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों को वापस लेने की घोषणा की गई और इसके बाद संघर्ष समिति ने एक दिवस पूर्व सांकेतिक हड़ताल वापस ले ली थी।

उन्होने बताया कि पिछले दिनों बिजली कर्मचरियों ने विद्युत व्यवस्था में सुधार का अभियान चलाया, जिसके बहुत सकारात्मक परिणाम आये। इस सम्बन्ध में हाल ही मे ऊर्जा मंत्री द्वारा बिजली कर्मियों की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए यह बताये गये कि प्रदेश् में नौ फीसदी लाइन हानिया घटी है और करीब 20 फीसदी राजस्व वसूली में वृद्धि हुई।

केन्द्रीय विद्युत मंत्री आर के सिंह ने भी इसके लिये ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में उप्र की प्रशंसा की।
इन सबके बावजूद लगभग 08 माह बीतने के बाद भी बिजली कर्मियों का अति महत्वपूर्ण पर्व दिपावली पर भी उत्पीड़न समाप्त न किया जाना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है जिससे व्यथित होकर बिजली कर्मियों ने प्रकाशोत्सव न मनाने का निर्णय बहुत भारी मन से लिया है।