नयी दिल्ली, देश के विभिन्न संरक्षित क्षेत्रों में बाघों की संख्या 1400 से बढ़कर लगभग तीन हजार हो गयी है जो विश्व में सर्वाधिक है। बाघ गणना के चौथे सर्वेक्षण ‘अखिल भारतीय बाघ आकलन बाघ 2018’ के अनुसार देश में बाघों की संख्या 2977 दर्ज की गयी है। वर्ष 2014 में देश में 1400 बाघ थे।
यह सर्वेक्षण ‘ विश्व बाघ दिवस’ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यहां जारी किया और इसे ऐतिहासिक करार दिया। बाघ गणना के अनुसार मध्य प्रदेश में सर्वाधिक 526 बाघ है जबकि 524 बाघों के साथ कर्नाटक दूसरे स्थान पर है। उतराखंड में 442 बाघ है जो तीसरे स्थान पर है। बाघों के लिए संरक्षित क्षेत्रों की संख्या वर्ष 2014 के 692 की तुलना में वर्ष 2019 तक 860 हो गयी है। सामुदायिक संरक्षित क्षेत्र वर्ष 2014 से बढ़कर 43 से बढ़कर वर्ष 2019 तक एक सौ से अधिक हो गये हैं।
यह विशाल सर्वेक्षण तीन लाख 80 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में किया गया और अधिकारियों ने पांच लाख 20 हजार किलोमीटर की पैदल यात्रा की। सर्वेक्षण में 26 हजार कैमरा टेप तैयार किये गये। बाघ सर्वेक्षण के लिए तीन लाख 50 हजार फोटो लिये गये जिनमें 76 हजार बाघाें के फोटो थे। बाघों की गणना प्रत्येक चार वर्ष में की जाती है। पहली यह वर्ष 2006 में की गयी थी। इसके गणना 2010 और 2014 में की गयी।