नई दिल्ली, बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से अनुरोध किया है कि वह नोटबंदी के बाद लोगों की परेशानी दूर करने के लिए मोदी से कहें। उन्होंने जानना चाहा कि मोदी संसद में विरोध का सामना करने से क्यों डर रहे हैं? मायावती ने संवाददाताओं से कहा, इस देश के लोग और पूरा विपक्ष प्रधानमंत्री से जवाब मांग रहा है, लेकिन वह उन प्रश्नों का सामना करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। उन्होंने कहा, वह सदन के बाहर अपने कदम का बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सदन के अंदर जवाब देने के लिए अपनी जगह दूसरे को प्रतिनियुक्त कर रहे हैं।
बसपा प्रमुख ने कहा कि सदन में विपक्ष का सामना करने से मोदी का बचना कुछ गलत होने का एक संकेत है। मायावती ने कहा, अगर नोटबंदी मोदी ने लोगों के लिए किया है, अगर कालाधन पर रोक लगाने के लिए उन्होंने अच्छा काम किया है, तब प्रधानमंत्री क्यों डरे हुए हैं? उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, इसका तात्पर्य है कि दाल में कुछ नहीं, बल्कि बहुत कुछ काला है। मोदी सरकार पर अधिनायकवादी होने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि राष्ट्रपति मोदी को तुरंत बुलाएं और लोगों की परेशानी दूर करने हेतु प्रधानमंत्री के लिए एक समय सीमा निर्धारित कर दें।
पाकिस्तान द्वारा लगातार संघर्ष विराम उल्लंघन और जम्मू एवं कश्मीर में तीन जवानों की हत्या का उल्लेख करते हुए बसपा नेता ने कहा कि मोदी के शासन में देश की सीमा सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में नहीं थी तो इसको लेकर अक्सर बड़ी-बड़ी बातें करती थी कि सत्ता में आने पर कैसे वह देश की सीमाओं को सुरक्षित करेगी। बसपा नेता ने कहा कि भाजपा को सत्ता में आए दो साल बीत चुके हैं। क्या प्रधानमंत्री बता सकते हैं कि देश की सीमाएं सुरक्षित हैं? मायावती ने यह भी आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार केंद्र के दबाव में काम कर रही है। प्रदेश सरकार लोगों की मदद करने की जगह केंद्र के दबाव में उन पर डंडे बरसा रही है।