नई दिल्ली, रीजनल कनेक्टिवटी स्कीम उड़ान की उड़ानें फरवरी से प्रारंभ हो जाएंगी। सबसे पहले लुधियाना, शिमला, जमशेदपुर, पंतनगर और कूचबिहार जैसे कम उपयोग में आ रहे 43 हवाई अड्डों से ये फ्लाइट शुरू होंगी। इसके बाद धीरे-धीरे छोटे-बड़े शहरों के अन्य चालू, कम उपयोग में आ रहे या बिल्कुल उपयोग में नहीं आ रहे हवाई अड्डे भी रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम से जुड़ेंगे। केंद्रीय विमानन रायमंत्री जयंत सिन्हा ने इसकी जानकारी संवाददाता सम्मेलन में दी। सिन्हा ने कहा कि आरसीएस या उड़ान स्कीम को अपनाने के लिए अब तक 15 राज्यों ने केंद्र के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। तीन रायों ने इसकी सहमति दी है। इनमें झारखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, असम जैसे राय शामिल हैं।
ये राय स्कीम के तहत एयरलाइनों को लैंडिंग व पार्किंग फीस में रियायत के अलावा विमान ईंधन पर टैक्स में छूट देंगे। स्कीम के तहत अब तक 11 एयरलाइनों की ओर से 190 रूटों के लिए 43 प्रारंभिक प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनके जवाब में एयरलाइनों से एक फरवरी तक काउंटर प्रस्ताव मांगे गए हैं। इसके बाद तीन फरवरी तक रूटों का आवंटन कर दिया जाएगा। सरकार से सबसे कम सहायता मांगने वाली एयरलाइनों को आरसीएस के रूट आवंटित किए जाएंगे। कम उपयोग वाले 12 एयरपोर्ट एकदम तैयार हैं। फरवरी में ही स्कीम की पहली उड़ान लांच हो जाएगी।
फिर कुल मिलाकर ऐसे 55 हवाई अड्डों से नियमित उड़ानें होने लगेंगी, जहां से अभी या तो कोई उड़ान नहीं है या इक्का-दुक्का हैं। इस समय 30 एयरपोर्ट से नियमित तथा 12 हवाई अड्डों से कभी-कभार उड़ानें होती हैं। 50 एयरपोर्ट से कोई उड़ान नहीं होती। बिना उड़ानों वाले सबसे यादा 19 एयरपोर्ट महाराष्ट्र में है। फिर गुजरात और उत्तर प्रदेश का नंबर आता है। अधिकतम किराया होगा ढाई हजारः- उड़ान के तहत 500 किलोमीटर की हवाई यात्र के लिए अधिकतम 2,500 रुपये का टिकट होगा। फिक्स्ड विंग विमानों को यह यात्र आधे घंटे व हेलीकॉप्टरों को एक घंटे में पूरी करनी होगी। इसमें एयरलाइनों को होने वाले घाटे की भरपाई सरकार करेगी।