रामपुर, उत्तर प्रदेश में रामपुर जिले की एमपी/एमएलए अदालत ने पूर्व सांसद और सिने अभिनेत्री जयाप्रदा को आचार संहिता के उल्लघंन के पांच साल पुराने एक मामले से बरी कर दिया है।
जयाप्रदा पर 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता में सड़क का उद्घाटन और रोड शो करने का आरोप था। यह फैसला पांच साल बाद आया है। फैसले से उत्साहित जयाप्रदा ने कहा कि उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया था। षड्यंत्र करने वालों को वह सबक सिखायेंगी।
पूर्व सांसद जया प्रदा नाहटा के खिलाफ जिले में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामला विचाराधीन था। इस मामले में फाइनल बहस पूरी हो चुकी थी। आज इस मामले में एमपी एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट अपर सिविल जज शोभित बंसल ने फैसला सुनाया।
जया प्रदा के खिलाफ साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में थाना स्वार में एफआईआर दर्ज हुई थी। आरोप था कि जया प्रदा के द्वारा साल 2019 में सड़क का उद्घाटन किया गया और इसके साथ ही बिना परमिशन के रोड शो भी करने का आरोप था।
जयाप्रदा पक्ष के वकील नजर अब्बास ने बताया कि उनके मुवक्किल नाहटा के खिलाफ वीडियो एविडेंस में सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के मुताबिक सर्टिफिकेट अभियोजन पेश नहीं कर सका। उन पर आरोप था कि उन्होंने स्वार क्षेत्र में रोड शो और रैली निकाली थी। इसी के बाबत चुनाव फ्लाइंग स्क्वायड के मजिस्ट्रेट ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत दर्ज कराई गई थी।
इसका ट्रायल एमपी एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट रामपुर में चल रहा था। आरोप है कि उन्होंने 19 अप्रैल 2019 को आदर्श आचार संहिता लगी हुई थी, इस दौरान उन्होंने सड़क का उद्घाटन किया जो पूरी तरह सही नहीं है। यह मामला प्रॉसीक्यूशन द्वारा साबित नहीं किया गया है।
इस मौके पर जया प्रदा ने खुशी का इजहार करते हुए कहा कि उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया था। साजिश कोर्ट में साबित नहीं हो सकी। उन्होंने कहा षड्यंत्र करने वालों को वह सबक सिखाएंगी।