लखनऊ, उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में परिवहन निगम की आय में खासी बढोत्तरी हुयी है जिससे रोडवेज की हालत में उल्लेखनीय सुधार आया है।
दयाशंकर सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि परिवहन निगम को पहले प्रतिदिन 11 से 12 करोड़ की आमदनी हो रही थी जो बढ़ कर 18 करोड़ से 21 करोड़ रूपये प्रतिदिन पहुंच गई है।
उन्होने कहा कि बस अड्डों को एयरपोर्ट की तरह आधुनिक बनाने का काम शुरू हो चुका है। इसके लिए 5 बस अड्डों (गाजियाबाद, कौशांबी, आगरा, प्रयागराज, लखनऊ) के विभिन्न बस अड्डों के कायाकल्प के लिए एमओयू हो चुका है और जल्द ही मुख्यमंत्री इसका शिलान्यास करेंगे।
इसके अलावा आठ बस अड्डों के आधुनिकीकरण के लिए एमओयू साइन होने हैं और 18 के लिए टेंडर जारी करने जा रहे हैं। परिवहन निगम की बसों में 60 वर्ष से ऊपर की महिलाओं को निशुल्क यात्रा की योजना मुख्यमंत्री के संकल्प में है और जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी।
परिवहन मंत्री ने दावा किया कि एक भी डग्गामार बस प्रदेश में संचालित नहीं हो रही है। हर बस को इंश्योरेंस और फिटनेट टेस्ट के बाद ही चलाने की अनुमति है। जो लोग नियमों का उल्लंघन करके बसें चला रहे हैं, उनके खिलाफ परिवहन विभाग कड़ी कार्रवाई कर रहा है। इस मामले में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार हर गांव तक बसें चलाना चाहती है, लेकिन नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होने कहा कि परिवहन निगम के माध्यम से सरकार अब तक प्रदेश के 88 हजार गांवों तक बस सेवा मुहैया करा चुकी है और बाकी बचे 12200 गांवों तक भी बस सेवा जल्द मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने अनुबंधित बसों के माध्यम से लक्ष्य को पूर्ण करने की योजना बनाई है। प्रदेश का एक भी गांव ऐसा नहीं होगा जहां परिवहन निगम की बस सेवा न उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि लोगों को रोजगार देने के लिए अनुबंधित बसों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि हर गांव तक बस सेवा को पहुंचाया जा सके।
परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में परिवहन निगम की कुल 110118 बसें संचालित हैं। इनमें 81070 निगम की बसें हैं और 29048 अनुबंधित बसें हैं। यानी 26 प्रतिशत बसें अनुबंधित हैं और 74 प्रतिशत बसें रोडवेज की हैं।