कोच्चि, पादरी फ्रैंको मुलक्कल पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली नन सहित पांच ननों ने केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन को पत्र लिख कर उनसे इस मामले में दखल की मांग की है। इनमें चार नन वे हैं, जिन्होंने बलात्कार के आरोपी मुलक्कल की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। मुख्यमंत्री के दखल के जरिए वे यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि इस मामले में मुकदमा खत्म होने तक उनके तबादले का आदेश प्रभावी नहीं हो।
साथ ही, मुलक्कल के खिलाफ बलात्कार का आरोप लगाने वाली नन ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले में उनकी मदद मांगी है।
मुख्यमंत्री को यह पत्र तब लिखा गया, जब पिछले साल मुलक्कल के खिलाफ हुए प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाली पांच में से चार ननों को कोट्टायम जिले में उनके कॉन्वेन्ट से जाने का निर्देश दिया गया। दरअसल, पिछले साल उन्हें उनके समूह (मिशनरीज ऑफ जीसस) द्वारा जारी तबादला आदेश का अनुपालन करते हुए उन्हें कॉन्वेन्ट छोड़ने के निर्देश दिए गए थे।
उन्होंने अपने पत्र में आरोप लगाया, ‘‘उनका मकसद मुझे निशाना बनाना, परेशान करना और यातना देना है। यदि ऐसी स्थिति पैदा होती है तो मेरी जान खतरे में होगी।’’मार्च और मई 2018 के बीच जारी तबादला आदेश के मुताबिक, उनके समूह ‘मिशनरीज ऑफ जीसस’ ने ननों को निर्देश दिया कि वे अपने पहले वाले कॉन्वेन्ट में शामिल हों। ऐल्पी, अनुपमा, जोसेफाइन और एनसिटा नाम की इन ननों को मिशनरीज ऑफ जीसस की वरिष्ठ अधिकारी रेजिना कदमथोट्टू ने नोटिस थमा कर उनसे कहा था कि वे मिशनरीज ऑफ जीसस के सदस्यों के तौर पर दी गई जिम्मेदारियां संभालें। मुलक्कल के खिलाफ आरोप लगाने वाली नन को इंसाफ दिलाने के लिए लड़ाई लड़ चुकी सिस्टर नीना रोज को कॉन्वेन्ट छोड़ने के निर्देश नहीं दिए गए हैं।