नई दिल्ली, भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली और बिहार में नेतृत्व परिवर्तन करते हुये, बिहार में नित्यानंद राय को पार्टी की कमान दी , वहीं दिल्ली में अब सतीश उपाध्याय के बाद गायक और सांसद मनोज तिवारी को प्रदेश बीजेपी का अध्यक्ष बना दिया गया है। दोनों ही राज्यों में पार्टी प्रमुखों का कार्यकाल पूरा हो चुका था और पार्टी ने नई नियुक्ति नहीं की थी।
बिहार के उजियारपुर से लोक सभा सांसद नित्यानंद राय का जाति से यादव हैं। नित्यानंद राय की छवि एक दबंग नेता की रही है। नित्यानंद राय को बिहार बीजेपी के सबसे बड़े नेता सुशील मोदी का विरोधी समझा जाता है। नित्यानंद ने राजनीति की शुरुआत छात्र जीवन से ही एबीवीपी के साथ की थी। 2000 में नित्यानंद राय भाजपा के टिकट पर हाजीपुर से विधायक चुने गए। राय इस सीट से लगातार चार बार विधान सभा चुनाव जीते। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें उजियारपुर से सांसद प्रत्याशी बनाया गया और वे भारी मतों से जीत कर संसद पहुंचे हैं।
बीजेपी ने एक यादव को बिहार की कमान थमाकर यादवों की ओर चारा फेंका है। बीजेपी का मानना है कि बिहार में अगर यादव उसके साथ आ जाये तो कोई भी उसे बिहार मे काबिज होने से रोक नही सकता है। अभी बिहार मे यादव लालू प्रसाद यादव के साथ है। लालू के यादव जनाधार को तोड़ने के लिए बीजेपी ने पिछले लोक सभा चुनाव में लालू के खास कहे जाने वाले रामकृपाल यादव को न केवल टिकट दिया बल्कि चुनाव जीतने के बाद केंद्र में मंत्री भी बनाया। इनके अलावा बीजेपी ने पहले से ही वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव को सदन से लेकर पार्टी तक में अहम भूमिका दे रखी है। बिहार के मधेपुरा से बीजेपी सांसद हुकुमदेव नारायण सिंह भी पार्टी के प्रमुख यादव नेता हैं। जिस तरह बीजेपी बिहार में यादव नेताओं को आगे बढ़ा रही है उससे स्पष्ट है कि वो लालू प्रसाद के यादव बेस वोट को अपनी तरफ आकर्षित करना चाहती है।