नई दिल्ली , संसद में स्मृति ईरानी के देवी दुर्गा और महिषासुर दिवस को लेकर दिए बयान से बीजेपी के लिए मुश्किल बढ़ सकती है। जेएनयू में आयोजित होने वाले ‘महिषासुर ‘ पर स्मृति ईरानी जब संसद में भाषण दे रही थीं तो उन्हें भी नहीं पता रहा होगा कि उनकी ही पार्टी के एक सांसद इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने जाते थे. बीजेपी सांसद उदितराज ने भी महिषासुर को शहीद माना था। हालांकि यह कार्यक्रम तीन साल पहले हुआ था और अब उन्होंने इस पूरे मामले में सफाई दी है।
साल 2013 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में आयोजित महिषासुर शहादत दिवस कार्यक्रम में बीजेपी के सांसद उदित राज भी शामिल हुए थे। खुद उदित राज ने भी माना कि वे अक्टूबर 2013 में महिषासुर दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उनका कहना है कि उस समय यानी 2013 में वे बीजेपी में नहीं थे, मैंने 2014 में पार्टी ज्वाइन की थी। उदितराज ने अपनी सफाई में कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर उस कार्यक्रम में गया।बीजेपी में आने के बाद मैं ऐसे कार्यक्रम में नहीं गया। आज यदि बाबा साहब होते तो वो भी जेएनयू में हो रही बातों पर सख्त कार्यवाही करते क्योंकि बोलने की आजादी का मतलब अफजल गुरु का समर्थन करना नहीं है। मैं पार्टी के विचारों से सहमत हूं, पार्टी में आने से पहले मैंने क्या किया, वो संदर्भ अलग है। बीजेपी का उस कार्यक्रम से कोई वास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजेपी में मैं 2014 में आया, पार्टी का इससे कोई लेना देना नहीं है। मैंने पार्टी के खिलाफ कुछ भी नहीं बोला है। बीजेपी में आने के बाद पार्टी के विचारों के साथ हूं। साल 2013 के कार्यक्रम से बीजेपी का कोई लेना देना नहीं है।