सहारनपुर, किसी भी जिले मे सबसे ज्यादा सुरक्षित माना जाने वाला स्थान होता है, जिले के पुलिस कप्तान यानि एसएसपी का आवास. और जब वहीं बवाल शुरू हो जाये और एसएसपी का परिवार ही भय के कारण सदमे मे आ जाये तो आप सहज अंदाजा लगा सकतें हैं कि उस शहर मे आम आदमी का क्या हाल होगा. और यह बवाल मचाने वाला कोई और नही, केन्द्र और यूपी की बीजेपी सरकार का ही एक सांसद है.
सहारनपुर में बीते गुरुवार को बीजेपी सांसद राघव लखनपाल ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ एक शोभायात्रा निकाली. शोभायात्रा बिना प्रशासन की अनुमति के जबर्दस्ती निकाली गई. इस इलाके में हिंसा फैलने की आशंका के चलते ऐसी शोभायात्राओं पर सालों से पाबंदी है. जबरन शोभायात्रा निकाले जाने पर पुलिस ने कार्रवाई की तो बीजेपी के सांसद नाराज हो गए.
नाराज बीजेपी सांसद राघव लखनपाल ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ एसएसपी आवास पर जमकर बवाल काटा और घंटों कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ायी. उन्होने एसएसपी आवास घेर लिया, जिसमे एसएसपी की पत्नी और दो छोटे बच्चे घिर गये. वहां के सीसीटीवी कैमरे और कमरों के फर्नीचर को तोड़ दिया गया. एसएसपी की नेम प्लेट उखाड़कर फेंक दी गई. एसएसपी के आवास में घुसकर तोड़फोड़ की गई. किसी की भी हिम्मत बीजेपी के सांसद और उसके साथ के उत्पातियों को रोकने की नही हुई.
सूत्रों के अनुसार, सहारनपुर के एसएसपी लव कुमार की पत्नी शक्ति डॉली ने बताया कि जैसे ही हंगामा शुरू हुआ, मैं कुछ समझ नहीं सकी. फॉलोअर ने बताया कि सांसद आए हैं. मैंने उन्हें ऑफिस में बिठाने को कहा. तभी सैकड़ों की भीड़ ने तोड़फोड़ शुरू कर दी. वे कैंप ऑफिस और आवास के बीच के दरवाजे को खोल कर गैलरी तक घुस गए. बच्चे ये कहते हुए रोने लगे कि मम्मी, पापा को फोन करके जल्दी बुलाओ डर लग रहा है. फॉलोअर ने दौड़ कर दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया. कोठी में पूरी तरह से सांसद और उनके समर्थकों का कब्जा हो चुका था. उस शाम करीब साढ़े सात बजे बवाल को शांत कर जब पति घर पहुंचे तो दौड़ कर दोनों बच्चे पापा-पापा कहते हुए उनसे लिपट गए. मेरी बेटी और बेटे की आंखें रो-रो कर लाल हो चुकी थीं.
उन्होने आगे बताया कि मैं एक आइपीएस की पत्नी हूं. अलीगढ़, गोरखपुर, मुरादाबाद जैसे संवदेनशील जिलों में पति के संग-संग रही हूं. लेकिन सबसे ज्यादा सुरक्षित मानी जाने वाली एसएसपी कोठी पर ढाई घंटे तक जो मंजर मैंने देखा, उससे सहम गई हूं. मैंने अपने 6 और 8 साल के बच्चों की आंखों में जो खौफ देखा, उसे भूल नहीं सकती. पहले कभी वो इतनी जोर-जोर से चीख कर नहीं रोए, जितना उस शाम को.