नयी दिल्ली, आईपीएल 2022 के लिए दो नई फ्रेंचाइजियों लखनऊ और अहमदाबाद की बोली को हुए 20 दिन होने काे हैं, लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को अहमदाबाद फ्रेंचाइजी के मालिक सीवीसी कैपिटल को अभी तक मंजूरी पत्र सौंपना बाकी है।
समझा जाता है कि अहमदाबाद फ्रेंचाइजी का स्वामित्व जीतने वाली निजी इक्विटी फर्म सीवीसी कैपिटल बीसीसीआई अधिकारियों को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि ब्रिटेन की एक सट्टेबाजी फर्म में उसके द्वारा किया गया निवेश, जो विवाद का विषय बन गया है, अवैध नहीं है।
इसी गतिरोध को बीसीसीआई की ओर से मंजूरी पत्र देने में हुई देरी का कारण माना जा रहा है, जिसे संजीव गोयनका के आरपीएसजी ग्रुप को पहले ही सौंप दिया गया है, जिन्होंने सफलतापूर्वक लखनऊ फ्रेंचाइजी हासिल की है, हालांकि इसके चलते रवि शास्त्री और अन्य कोचों के साथ सीवीसी स्पोर्ट्स की बातचीत में देरी नहीं हुई है।
क्रिकबज ने इस बात की पुष्टि की है कि सीवीसी के शीर्ष अधिकारियों का एक समूह बीसीसीआई के पदाधिकारियों और अधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए भारत और दुबई भी गया है और यह भी जानकारी है कि अगले एक या दो दिनों में बातचीत का एक और दौर हो सकता है। वहीं बीसीसीआई की कानूनी टीम भी सीवीसी फाइलों की जांच कर रही है और इस बात की संभावना है कि इस मामले पर फैसला सुनाने के लिए एक समिति का गठन किया जाए।