संगरूर, मलेरकोटला में धार्मिक ग्रंथ की कथित बेअदबी के मामले में यहां की एक स्थानीय अदालत ने आज आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश यादव को जमानत दे दी। मामला 24 जून का है। आप नेता और पार्टी की कानूनी इकाई के प्रमुख हिम्मत सिंह शेरगिल ने आज बताया कि संगरूर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ए एस विर्क ने नरेश यादव को जमानत दे दी है। 25 जुलाई को महरौली से विधायक यादव को मलेरकोटला अदालत ने दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। इसके बाद अदालत ने 27 जुलाई को आप विधायक को एक अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर यादव को इस मामले में गलत फंसाने का आरोप लगाते हुए विधायक के वकील शेरगिल ने कहा कि पुलिस के पास ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे साबित हो सके कि मलेकोटला बेअदबी मामले में यादव का हाथ था। पुलिस को यादव के खिलाफ कुछ भी हाथ नहीं लगा है। पुलिस यह सब बादल सरकार के कहने पर कर रही है। मलेरकोटला बेअदबी मामले में गिरफ्तार एक आरोपी ने दावा किया था कि यह सब उसने आप विधायक के कहने पर किया है, जिसके बाद 24 जुलाई को पंजाब पुलिस ने यादव को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। विधायक पर भारतीय दंड संहिता की जिन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, वे हैं धारा 109 उकसावे के लिए दंड जब उकसावा अपराध में तब्दील हो जाए और इसके लिए दंड का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं हो, धारा 153 ए धर्म, नस्ल, जन्म स्थान आदि के आधार पर समूहों में भेदभाव कर द्वेष पैदा करना और ऐसी गतिविधियां करना जो सौहाद्र के लिए खतरा हों और धारा 295 किसी भी वर्ग के धर्म का अपमान करने के उद्देश्य से धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाना या उसे अपवित्र करना। यादव ने अपने खिलाफ पुलिस कार्रवाई को साजिश बताया था। पुलिस ने दावा किया था कि घटना से पहले विजय ने विधायक से मुलाकात की थी और उनके बीच फोन पर भी बातचीत हुई थी। विधायक और उनकी पार्टी ने आरोपों को खारिज कर दिया है और आरोप लगाया है कि यह पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले आप की छवि को धूमिल करने की राजनीतिक साजिश है।