लखनऊ, उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटो के लिये होने वाले उपचुनाव में गुरुवार को सात सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवारों के नाम के ऐलान के साथ रोमांचक मुकाबले की तस्वीर साफ होने लगी है।
वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले हो रहे इस उपचुनाव को भाजपा गठबंधन और समाजवादी पार्टी (सपा) गठबंधन के प्रति जनता की नब्ज भांपने का आखिरी मौका समझा जा रहा है। हालांकि इस चुनाव के जरिये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के भी परंपरागत वोट बैंक के रुझान का पता चल सकेगा।
कुंदरकी से रामवीर सिंह ठाकुर,गाजियाबाद से संजीव शर्मा,खैर से सुरेन्द्र दिलेर, करहल से अनुजेश यादव,फूलपुर से दीपक पटेल,कटेहरी से धर्मराज निषाद और मंझवा से सुचस्मिता मौर्य भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में हैं। मीरापुर सीट सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के लिये छोड़ने की घोषणा भाजपा ने पहले ही कर दी है जबकि कानपुर की सीसामऊ सीट पर प्रत्याशी के नाम की घोषणा पहली लिस्ट में नहीं की गयी है।
भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा से सहयोगी निषाद पार्टी को झटका लगा है। पार्टी अध्यक्ष डा संजय निषाद कटेहरी और मंझवा सीट पर अपना दावा करने का दवाब बना रहे थे जिसे भाजपा आलाकमान ने दरकिनार कर दिया है।
कटेहरी से भाजपा ने धर्मराज निषाद को मैदान पर उतारा है। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) छोड़ कर भाजपा में आये धर्मराज तीन बार बसपा के टिकट पर चुनाव जीत चुके है। उन्होने 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर जनसमर्थन मांगा था मगर जनता ने उन्हे नकार दिया था।
2022 के विधानसभा चुनाव में सहयोगी निषाद पार्टी के प्रत्याशी ने मंझवा विधानसभा से चुनाव लड़ा था मगर इस बार भाजपा ने अपनी पूर्व विधायक सुचस्मिता मौर्य पर फिर से दांव खेला है। प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट पर पूर्व सांसद केसरी देवी पटेल के पुत्र दीपक पटेल पर भाजपा आलाकमान ने भरोसा जताया है वहीं अलीगढ़ की खैर सीट से पूर्व सांसद राजवीर दिलेर के पुत्र सुरेन्द्र दिलेर कमल निशान के साथ जनता का विश्वास जीतने उतरेंगे।
भाजपा ने कुंदरकी विधानसभा सीट अपने निष्ठावान कार्यकर्ता रामवीर ठाकुर को सौंपी है जहां उनका सीधा मुकाबला सपा उम्मीदवार से होगा। सैफई परिवार का गढ़ मानी जाने वाली करहल सीट पर यादव कुनबे के सदस्य अनुजेश यादव को सपा के खिलाफ उतार कर भाजपा ने बड़ा दांव खेला है। अनुजेश सपा सांसद धर्मेन्द्र यादव के जीजा हैं मगर 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा की सदस्यता लेने के कारण धर्मेन्द्र ने सार्वजनिक रुप से अनुजेश से नाता तोड़ने की घोषणा की थी। यादव बाहुल्य इस सीट पर उनका मुकाबला अपने भतीजे तेज प्रताप से होगा।
गाजियाबाद महानगर के अध्यक्ष संजीव शर्मा को पार्टी के प्रति निष्ठा और समर्पण का इनाम इस बार विधानसभा के लिये टिकट देकर भाजपा ने किया है। वह पहली बार गाजियाबाद विधानसभा के लिये चुनाव मैदान में उतरेंगे।
कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट पर सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी पत्नी नसीम सोलंकी के नामांकन के बावजूद भाजपा ने मिश्रित आबादी वाली सीट पर अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया है। इस सीट के लिये राकेश सोनकर के अलावा सलिल विश्नोई और सुरेश अवस्थी प्रत्याशी पद की दौड़ में हैं।