लखनऊ, समाजवादी पार्टी (सपा) और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सोमवार को हुये उपचुनाव में एक दूसरे के खिलाफ मतदान को प्रभावित करने की शिकायत लेकर चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचे।
सपा ने मैनपुरी लोकसभा सीट के अलावा मुजफ्फरनगर की खतौली और रामपुर विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं को वोट डालने से रोकने के लिये पुलिस के बेजा इस्तेमाल का आरोप भाजपा पर लगाया वहीं भाजपा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी द्वारा अराजकता फैलाने एवं मतदान को प्रभावित करने के संदर्भ में ज्ञापन के माध्यम से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की।
भाजपा के प्रतिनिधि मंडल में पार्टी के प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर, प्रदेश महामंत्री गोविन्द नारायण शुक्ल, प्रदेश महामंत्री अनूप गुप्ता और विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा सहित अन्य पार्टी पदाधिकारी शामिल हुए। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को बताया कि मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में सपा द्वारा गलत सूचनाएं प्रेषित करके भ्रम फैलाया जा रहा है। सपा जिन मुद्दों को लेकर अपनी शिकायतें दर्ज करा रही है, वह सब झूठ का आवरण है। जिसकी आंड़ में सपा के अराजकतत्वों द्वारा मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में भाजपा समर्थक कार्यकर्ताओं को डराया धमकाया जा रहा है। उपचुनाव में सपा समर्थकों द्वारा आदर्श संहिता का खुलेआम उल्लंघन किया गया।
भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि मैनपुरी से सपा की प्रत्याशी डिम्पल यादव द्वारा चार दिसम्बर की रात एक ट्विट में आरोप लगाया कि पाम होटल में भाजपा के लोग पैसा बांट रहे है लेकिन पुलिस के छापा डालने के बाद वहां पर कोई नहीं मिला। इसी तरह का भ्रम रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी द्वारा भी फैलाया जा रहा है। सपा और रालोद के भ्रम से भरे ट्विट फैलाने के पीछे सोची समझी रणनीति है।
उधर, सपा के पदाधिकारियों ने मतदान प्रभावित करने के आरोप के साथ विधानभवन परिसर में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के तले धरना प्रदर्शन किया और बाद में मुख्य निर्वाचन अधिकारी को संबोधित ज्ञापन दिया। ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि मैनपुरी और रामपुर में खास समुदाय के वोटरों को मतदान स्थल पर जाने से रोका जा रहा है। ईवीएम में छेड़छाड़ की गयी है और पुलिसकर्मी रामपुर में सपा समर्थक मतदाताओं को पोलिंग बूथ तक जाने से रोक रहे हैं।