नई दिल्ली,विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पदों पर ओबीसी के लिए निर्धारित 27 प्रतिशत आरक्षण को खत्म कर इसे सिर्फ असिस्टेंट प्रोफेसर पदों पर लागू रखने के आदेश पर जबर्दस्त प्रतिक्रिया हो रही है। सोशल मीडिया पर नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के दलित-पिछड़े प्रेम पर कमेंट्स हो रहें हैं। कहा जा रहा है कि भाजपा पिछड़ों के साथ खाना तो वोट लेने के लिये खा सकती है, पर उन्हे प्रोफेसर बनते नही देख सकती है।
आरजेडी ने केंद्रीय विश्व विद्यालय में प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए आरक्षण खत्म करना केन्द्र की मोदी सरकार की बड़ी साजिश करार दिया है। इस पर आरजेडी सुप्रीमो ने कहा कि बीजेपी का दलित विरोधी चेहरा उजागर होने लगा है। लालू ने कहा आरक्षण मामले पर वह पूरे देश में आंदोलन करेंगे।
लालू प्रसाद ने कहा कि आरक्षण कोई भीख व दया नहीं है । चुनाव के समय भागवत जी ने ईमानदारी से स्वीकार किया था क़ि आरक्षण की समीक्षा की जानी चाहिए। बार-बार मोदी जी की तरफ से आरक्षण जारी रहने की दलील दी गयी क़ि आरक्षण जारी रहेगा। लेकिन 3 जून को associate प्रोफ़ेसर और प्रोफ़ेसर की बहाली में आरक्षण समाप्त कर दिया गया। संसद में महागठबंधन इसे गंभीरता से उठाएगा।
राजद अध्यक्ष ने कहा कि पिछड़ा और दलित विरोधी चेहरा बीजेपी का उजागर हो गया। इसे रोल बैक करें नहीं तो खामियाजा भुगतना पड़ेगा। हम चेतावनी दे रहे हैं। पूरे देश में आन्दोलन होगा। आरक्षण हमारा अधिकार है।