नई दिल्ली, यूपीए सरकार में विदेश मंत्री रह चुके और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस एम कृष्णा कांग्रेस छोड़ने के करीब 7 हफ्ते बाद भाजपा में शामिल हो गए। कृष्णा को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, अनंत कुमार और अन्य कई बड़े नेताओं की मौजूदगी में पार्टी में शामिल किया गया। वैसे पूर्व विदेश मंत्री को 15 मार्च को ही भाजपा में शामिल होना था, लेकिन उनकी बहन की मृत्यु के कारण वह शामिल नहीं हो पाए थे।
इससे पहले कृष्णा ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से 29 जनवरी को इस्तीफा दे दिया था।सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, वह कर्नाटक के मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के रैवेये से नाराज थे। कांग्रेस में पांच दशक से ज्यादा वक्त बिता चुके 84 वर्षीय एसएम कृष्णा पहली बार 1968 में मांड्या से सांसद चुने गए थे। वह इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं।
1999 में उन्होंने कांग्रेस को कर्नाटक में जीत की दहलीज पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई और 2004 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद मनमोहन सिंह कैबिनेट में उन्होंने विदेश मंत्री का जिम्मा संभाला और फिर महाराष्ट्र के राज्यपाल भी रहें। हालांकि 2012 में उन्हें पद से इस्तीफा देकर राज्य की राजनीति में वापसी की, लेकिन वहां कांग्रेस ने उन्हें दरकिनार कर जेडीएस से पार्टी में आए सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बना दिया। कृष्णा इस बात से भी खफा थे कि पिछले 2 साल से पार्टी में वे कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे थे।