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भारतीय दूरसंचार नियामक आयोग ने दिये 5G को लेकर आवश्यक निर्देश…

नयी दिल्ली,  भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के प्रमुख आर.एस.शर्मा ने कहा कि 5जी तथा नयी प्रौद्योगिकियों की पूरी क्षमता उभारने के लिए देश में मजबूत फाइबर केबल नेटवर्क संरचना आवश्यक है। शर्मा ने पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित एक परिचर्चा सत्र में कहा, ‘‘फाइबर को हकीकत में बदलने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) की जरूरत है।’’

शर्मा ने डेटा खपत के मामले में भारत के अमेरिका जैसे बड़े बाजारों से भी आगे निकल जाने की बात का उल्लेख किया लेकिन यह भी कहा कि अब भी डेटा उपभोग के लिए वायरलेस नेटवर्क का ही इस्तेमाल अधिक है। उन्होंने कहा, ‘‘आज के समय में भारत अकेले चीन और अमेरिका में दूरसंचार नेटवर्कों द्वारा संयुक्त तौर पर दिये जा रहे डेटा से अधिक खर्च कर रहा है। इसके साथ ही भारत में डेटा की खपत अमेरिका की औसत खपत से दोगुना है। लेकिन भारत के मामले में 93 प्रतिशत डेटा वायरलेस के जरिये आ रहा है जबकि फिक्स्ड लाइन से महज सात प्रतिशत।’’

उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर 46 प्रतिशत डेटा खपत फिक्स्ड लाइन से और 54 प्रतिशत डेटा खपत वायरलेस नेटवर्क के जरिये होता है। अमेरिका में फिक्स्ड लाइन से 60 प्रतिशत और वायरलेस से 40 प्रतिशत डेटा की आपूर्ति होती है। शर्मा ने कहा, ‘‘हमारे साथ यही दिक्कत है। यह भी निश्चित है कि आप तबतक नयी प्रौद्योगिकी का पूरी तरह से इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं जब तक कि आपके पास जमीन पर उत्कृष्ट संरचना नहीं हो। इस तरह की संरचना की आवश्यकता और अधिक हो जाती है जब हम 5जी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और बिग डेटा जैसी प्रौद्योगिकियों की बातें कर रहे हों। शर्मा ने पीपीपी मॉडल को संभावित समाधान बताते हुए कहा कि आम संरचना का सृजन लागत कम करेगा तथा मुनाफा बढ़ाएगा।