भारत और फ्रांस ने आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने साझा बयान जारी कर पाकिस्तान से कहा कि वह पठानकोट और मुंबई आतंकी हमलों के गुनहगारों को सजा दिलाने के लिए कदम उठाए।पाक से लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिदीन, हक्कानी नेटवर्क और अल कायदा जैसे अन्य आतंकी संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए कहा गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त वार्ता में पाक का नाम न लेते हुए कहा कि आतंकियों को पनाह देने वाले देशों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद को किसी भी रूप में न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता, चाहे इसकी जो भी वजह हो और चाहे जो भी इसे अंजाम दे।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि फ्रांस हमेशा खास दोस्त है, 18 साल पहले फ्रांस पहला ऐसा देश था, जिसने भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी का करार किया था और अब हम इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।
आतंकवाद पर भारत के साथ एकजुटता दिखाते हुए ओलांद ने कहा कि पेरिस हमले के बावजूद फ्रांस और उसके सहयोगी आईएस के ठिकानों को निशाना बनाना जारी रखेंगे। राष्ट्रपति ओलांद ने दक्षिण एशिया में, विशेषकर अफगानिस्तान में स्थिरता लाने में भूमिका निभाने और पाकिस्तान के साथ हाल में समग्र वार्ता की पहल करने के लिए भारत की सराहना की। दोनों नेताओं ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स और ग्लोबल काउंटर टेरररिज्म फोरम जैसे मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई।