मनीला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वी एशिया में राजनीतिक, सुरक्षा और व्यापार संबंधित मुद्दों के समाधान को लेकर पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन को पूरा समर्थन देने और उसके साथ काम करने की आज प्रतिबद्धता जतायी। पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन एक मजबूत क्षेत्रीय समूह बन चुका है।
यहां समूह के नेताओं के वार्षिक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत चाहता है कि इस क्षेत्र में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन की भूमिका और बड़ी हो। मोदी ने कहा, ‘‘हम चाहते है कि आने वाले वर्ष में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन की अहमियत आर बढे। मैं क्षेत्र में राजनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक मुद्दों के समाधान को लेकर आपके साथ काम करने को प्रतिबद्धता दोहराता हूं।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन एक प्रमुख मंच है। वर्ष 2005 की शुरूआत में गठित समूह ने पूर्वी एशिया के रणनीतिक, भू-राजनीतिक और आर्थिक उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में 10 आसियान देशों के अलावा चीन, जापान, कोरियाण गणराज्य, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस शामिल हैं।
मोदी ने कहा कि आसियान ने ऐसे से काम शुरू किया जब वैश्विक विभाजन अधिक था लेकिन यह आज उम्मीद की किरण के रूप में चमक रहा है। उन्होंने आसियान को शांति और समृद्धि का प्रतीक बताया। सम्मेलन में नेता आतंकवाद, अफगानिस्तान की स्थिति और उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल परीक्षण समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं।