वाशिंगटन/नई दिल्ली, अमेरिका के एक स्वतंत्र द्विदलीय निकाय ने दावा किया है कि भारत में 2016 में धार्मिक सहिष्णुता और धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति ‘लगातार बिगड़ती रही’।
उसने भारत को उन एक दर्जन देशों की सूची में शामिल किया है जहां कथित तौर पर धार्मिक स्वतंत्रता का गंभीर उल्लंघन हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता से संबंधित अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि हिंदू राष्ट्रवादी समूहों एवं उनके हमदर्दों ने धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों एवं दलितों के खिलाफ डराने, शोषण करने एवं हिंसा की कई घटनाओं को अंजाम दिया।
पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह सरकार सहित पिछले कई साल से भारत की सरकारें इस वार्षिक रिपोर्ट के निष्कर्षों को खारिज करती रही हैं जिसमें भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर हमेशा आलोचना की जाती रही है। भारत सरकार कहती रही है कि भारत का संविधान हर नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता देता है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘2016 में भारत में लगातार धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति बिगड़ी।’
रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि भारत के 29 राज्यों में बार-बार धार्मिक स्वतंत्रता का गंभीर उल्लंघन हो रहा है। इसमें आरोप लगाया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक तौर पर सांप्रदायिक सहिष्णुता एवं धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में बोला है लेकिन सत्तारूढ़ दल (भाजपा) के सदस्यों के उन हिंदू राष्ट्रवादी समूहों से संबंध हैं जो धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के मामलों में आरोपी हैं।
उधर, यूएससीआईआरएफ के एक आयुक्त ने कहा कि समूचे भारत में विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच धार्मिक सौहार्द है। उन्होंने यह बात अमेरिका की स्वतंत्र द्विदलीय इकाई के इस दावे के पूरी तरह उलट कही कि भारत में 2016 में धार्मिक सहिष्णुता और धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति लगातार बिगड़ी। इकाई के दावे के पूरी तरह विपरीत यह बयान यूएस कमीशन फोर इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (यूएससीआईआरएफ) के आयुक्त तेनजिन दोरजी का है।
दोरजी यूएससीआईआरएफ के पहले तिब्बती आयुक्त हैं। उन्होंने भारत को ‘टियर-2’ देशों की सूची में रखे जाने का विरोध किया। उनका यह बयान बेहद महत्वपूर्ण है। दोरजी ने अपने बयान में कहा, ‘कुल मिलाकर, मैंने भारत में विभिन्न पंथों के बीच धार्मिक सौहार्द देखा और महसूस किया है।’ यह पहली बार है जब यूएससीआईआरएफ के किसी आयुक्त ने भारत पर इकाई के मत से भिन्न बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व की प्राचीन महान सभ्यताओं में से एक है जो हिन्दू, बौद्ध, जैन और सिख जैसे बड़े धर्मों का जन्मस्थल है तथा विभिन्न मजहबों के लोगों का घर है।