मगहर महोत्सव के आयोजन की दशकों पुरानी परंपरा टूटी, अखिलेश सरकार की दी धनराशि हुयी वापस
December 11, 2017
संतकबीरनगर , महान सूफी संत और ढाई आखर प्रेम को ही दुनिया की सभी समस्याओं का हल बताने तथा धार्मिक और जातीय हिंसा, ऊंच-नीच तथा आडम्बर के ख़िलाफ़ तल्ख़ आवाज़ उठाकर मानवता का संदेश देने वाले संत कबीर का सांप्रदायिक सौहार्द एवं सांस्कृतिक मेला ष्मगहर महोत्सव का आयोजन अधर में लटका है।
प्रतिवर्ष 12 से 18 जनवरी तक आयोजित होने वाले ष्मगहर महोत्सव 2018 का आयोजन की अभी तैयारियां शुरू नहीं हुई है। मगहर महोत्सव का आयोजन वर्ष 1987 से अनवरत होता रहा है। वर्ष 2004 में एक राजनीतिक परिस्थिति में मगहर महोत्सव को तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने राज्य सरकार के पर्यटन विभाग से प्रति वर्ष 25 लाख रुपये देने की घोषणा की थी।
वर्ष 2005 से प्रतिवर्ष यह धनराशि बाद की सरकारों द्वारा दी जा रही थी। वर्ष 2017 के मगहर महोत्सव के आयोजन के लिए भी तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यह राशि आयोजन के लगभग दो माह पूर्व ही महोत्सव प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्षध्जिलाधिकारी के खाते में भेज दिया था लेकिन तत्कालीन जिलाधिकारी ने आसन्न विधानसभा चुनाव के बहाने आयोजन करने में असमर्थता जताई और शासन द्वारा भेजी गई निर्धारित धनराशि से भी अधिक 27 लाख 50 हजार रुपये सरकार को वापस कर दिया।
इस तरह मगहर महोत्सव की दशकों की परंपरा टूट गई और वर्ष 2017 का आयोजन नहीं हो सका। इस वर्ष होने वाले श्मगहर महोत्सव. 2018 के आयोजन पर भी ग्रहण लग गया है क्योंकि अब तक इसकी तैयारियों को लेकर कोई पहल नहीं हो सकी है।
जिला प्रशासन भी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है। वहींए दूसरी तरफ कबीर पंथियों, महोत्सव समिति से जुड़े लोगों तथा आम जनमानस में इसको लेकर काफी रोष व्याप्त है।