औरंगाबाद , महाराष्ट्र में मराठवाडा के आठ जिलों में पिछले चार महीनों में किसानों के आत्महत्या के मामले बढ़कर 303 तक पहुंच गये हैं। मंडल आयुक्तालय से मिली जानकारी के अनुसार एक जनवरी से प्रति दिन औसतन दो किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हैं। इस वर्ष अभी तक यह आंकड़ा 303 तक पहुंच गया है।
जवान ने मांगी दाल-रोटी, मोदी सरकार ने छीन ली रोजी-रोटी
ये क्या किया किसानों ने,पिया मूत्र, दी मल खाने की चेतावनी
किसानों के आत्महत्या करने के पीछे का कारण कृषि उत्पादन का उचित मूल्य नहीं मिलना और प्राकृतिक अापदाओं के कारण फसल की बर्बादी तथा कर्ज का बोझ बताया जा रहा है।
जानिये, भारत मे कौन सा प्रदेश, भ्रष्टाचार में नम्बर वन- कहां सबसे कम
शहीद कैप्टन आयुष यादव के पिता ने केंद्र सरकार से पूछा-“आखिर कब तक ऐसे ही सैनिक मरवाते रहोगे?
बीड जिला में सबसे अधिक 57 किसान, नांदेड में 53, उस्मानाबाद में 50, औरंगाबाद में 43, परभणी में 32, जालना में 26, लातूर में 22 और सबसे कम हिंगोली में 20 किसानों ने आत्महत्या की है।
बेटी पैदा होने पर इस नेशनल प्लेयर को मिली ये सजा……….
सातवें वेतन आयोग में बदलाव को मिली मंजूरी, कर्मचारी और पेंशनर्स को मिलेगा फायदा
जनवरी से अब तक कुल 303 किसानों ने आत्महत्या की है जिसमें से 148 मामले सहायता राशि पाने के हकदार हैं जबकि 30 से अधिक मामलों को खारिज कर दिया गया। अन्य मामले अभी भी लंबित हैं। वर्ष 2014 में 551ए वर्ष 2015 में 1133 और वर्ष 2016 में कुल 1053 किसानों ने आत्महत्या की थी।