नई दिल्ली, राष्ट्रीय महिला आयोग की एक सदस्य ने शादी अथवा तलाक के बाद पासपोर्ट पर महिलाओं को अपना नाम बदलवाने की जरूरत नहीं होने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया ऐलान को लैंगिक समानता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है।
आयोग की सदस्य सुषमा साहू ने कहा, प्रधानमंत्री जी का पासपोर्ट के संदर्भ में बयान महत्वपूर्ण है। देश भर की महिलाओं के सम्मान को बढ़ाने वाला और लैंगिक समानता की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण फैसला है। मैं इसका स्वागत करती हूं। उन्होंने कहा, पासपोर्ट में नाम बदलवाने के लिए महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता था। अब उन्हें ऐसी किसी परेशानी का सामना नहीं करना होगा। बीते गुरूवार को प्रधानमंत्री मोदी ने ऐलान किया कि अब महिलाओं को शादी या तलाक के बाद पासपोर्ट पर अपना नाम बदलवाने की जरूरत नहीं होगी।
सुषमा ने कहा, महिलाएं आज के दौर में अपनी पहचान बना रही हैं। ऐसे में उनकी पहचान पति के नाम से ही क्यों हो। माता-पिता के नाम से भी उनकी पहचान होती है। महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए समाज के स्तर पर सोच में बदलाव की जरूरत है और अच्छी बात है कि सरकार के स्तर पर इतने सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।उन्होंने कहा, हम लोग पहले से कहते आ रहे हैं कि महिलाओं के नाम बदलने पर जोर नहीं होना चाहिए। समाज में समानता की बात को बढ़ावा मिलना चाहिए।