महोबा, देश में होने जा रहे जी -20 शिखर सम्मेलन में दुनिया भर से आने वाले राष्ट्राध्यक्षों को स्मृति चिंह के रूप में जो पीतल की कमलाकृतियां “ कमलम ” भेंट की जायेंगी ,उन्हें बुंदेलखंड के महोबा जिले के कुलपहाड के मेटल आर्टिस्ट मनमोहन सोनी ने तैयार किया है।
उत्तर प्रदेश हस्तशिल्प विकास एवं विपणन निगम ने मनमोहन की बनाई “ कमलम ” को 08 माह पूर्व चयनित कर लिया था। मनमोहन को यूपीएचएमडीसी ने 50 कमलकृतियों को तैयार करने का आर्डर दिया था ताकि जी 20 शिखर सम्मेलन शुरु होने के पहले कलाकृतियों “ कमलम” को समय से दिल्ली भेजा सके।
वर्ष 1998 में राज्य हस्तशिल्प पुरस्कार , 1997 में नेशनल मेरिट अवार्ड व 2012 में नेशनल अवार्ड जीतने वाले मनमोहन सोनी पीतल की कलाकृतियां गढ़ने के उस्ताद हैं। मनमोहन 2012 में अपनी कलाकृतियों की माॅस्को में प्रदर्शनी लगा चुके हैं। देश के सभी प्रमुख शहरों ए महानगरों व हस्तशिल्प मेलों में अपनी कलाकृतियों को प्रदर्शित कर चुके मनमोहन सोनी की बनाई कमलकृति “ कमलम ” को उत्तरप्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व सांसद पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल ने 2016 में महोबा में आयोजित परिवर्तन रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट में दी थी। तब पीएम मोदी ने इसे बेहद पसंद किया था।
कारीगर मनमोहन सोनी द्वारा तैयार की गई पीतल की कमलकृति “ कमलम ” पांच इंच की है। इसमें 8 बड़ी व 8 छोटी पंखुडियों समेत 16 पंखुडियां हैं। इस “ कमलम ”को यदि आप खोलते हैं तो सभी पंखुडियां खिली हुई अवस्था में नजर आती हैं। इसे बंद करने पर सभी पंखुडी अंदर बंद हो जाती हैं एवं कमल की केेवल कली नजर आती है। मनमोहन सोनी को 50 सेट कमलकृति तैयार करने में एक माह का समय लगा है।
मनमोहन सोनी का पूरा परिवार पीतल की नयनाभिराम कलाकृतियां गढ़ने के लिए जाना जाता है। मनमोहन के बड़े भाई कल्याणदास भी नेशनल अवार्ड जीत चुके हैं। उनके छोटे भाई आजाद व शिवकुमार भी स्टेट अवार्ड जीत चुके हैं। और तो और मनमोहन के काम में घर की महिलाएं भी जरूरत पड़ने पर सहयोग करती हैं। मनमोहन की कमलकृति को दुनिया भर के दिग्गज राष्ट्राध्यक्षों को स्मृतिचिन्ह के रूप में भेंट किया जाना कुलपहाड़ व बुंदेलखंड के लिए लिए गौरव की बात है