लखनऊ, उत्तर प्रदेश में मानसिक दिव्यांगजनों की देखरेख कर रहे आश्रय गृहों व इनके संचालन के लिए प्रशिक्षण कार्य कर रहे स्वैच्छिक संगठनों को राज्य सरकार की ओर से वित्तीय अनुदान दिया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की ओर से पूरे प्रदेश में चिन्हित 13 स्वैच्छिक संस्थाओं को वित्तीय वर्ष 2023-24 में मिलने वाले वार्षिक अनुदान की पहली किस्त जारी कर दी गई है। जिन स्वैच्छिक संस्थाओं का चयन उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से वित्तीय अनुदान के लिए किया गया है उनमें रामपुर की दो, लखनऊ की दो, बरेली की तीन, बदायूं की चार, बिजनौर व कौशाम्बी की एक-एक संस्थाएं शामिल हैं।
इन सभी स्वैच्छिक संस्थाओं को प्रदेश में मानसिक निराश्रितों के लिए आश्रय गृहों का संचालन संबंधित प्रशिक्षण देने के लिए कुल 3.37 करोड़ रुपए का वार्षिक अनुदान सरकार की ओर से दिया जाना निश्चित किया गया था। इसमें से पहली किस्त के तौर पर 2.02 करोड़ रुपए की धनराशि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इन संस्थाओं को उपलब्ध कराए जाने की कार्रवाई शुरू हो गई है। धनराशि आवंटन का कार्य दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की ओर से पूरा किया जाएगा जो यह सुनिश्चित करेगा कि सभी आवश्यक प्रावधानों का पालन हो।
सूत्रों ने बताया कि सरकार की ओर से वित्तीय अनुदान प्राप्त करने वाली स्वैच्छिक संस्थाओं में कुल 13 संस्थाएं शामिल हैं। रामपुर से असीम समाज सेवा संस्थान व मिलन ग्रामीण जन कल्याण समिति, लखनऊ से स्नेह वेलफेयर सोसाइटी व पाल मर्सी होम, बरेली से उपासना जनकल्याण सेवा समिति, आस्था समाजसेवा संस्थान व शकुंतला देवी खादी ग्रामोद्योग विकास समिति, बदायूं से प्रभात ग्रामोद्योग सेवा संस्थान, लक्ष्मी नारायण ग्रामोद्योग विकास समिति, विकलांग कल्याण सेवा समिति व सर्व हिताय संस्थान, बिजनौर से प्रेमधाम धर्मार्थ संस्था तथा कौशाम्बी से दीपमाला जन कल्याण सेवा संस्थान का नाम उन स्वैच्छिक संस्थाओं में शामिल है जिन्हें राज्य सरकार द्वारा मानसिक मंदित दिव्यांगजन गृह संचालन के लिए मिलने वाली वार्षिक अनुदान की पहली किस्त की अदायगी की जाएगी। इनमें से छह संस्थाओं को 14.35 लाख रुपए, एक संस्थान को 12.37 लाख व एक अन्य संस्थान को 32.22 लाख रुपए की पहली किस्त स्वीकृत की गई है।