मायावती ने बीजेपी में दलित, ओबीसी नेताओं की, वास्तविक स्थिति की, खोली पोल
September 25, 2017
वड़ोदरा, बसपा प्रमुख मायावती ने समाज के कमजोर तबकों के वोटों के लिए बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के नाम का इस्तेमाल करने का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाया और कहा कि भाजपा के ओबीसी एवं दलित नेता के पीएम या सीएम बन जान के बाद भी वे हमेशा ही आरएसएस के बंधुआ मजदूर बने रहेंगे।
मायावती ने मोदी के गृह राज्य में चुनावी बिगुल फूंकते हुए आरोप लगाया कि भाजपा जातिगत भेदभाव में यकीन रखती है। उन्होंने कहा कि भाजपा एक दलित या ओबीसी नेता को पार्टी प्रमुख या मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बना देती है तो भी वे हमेशा ही जातिवादी और सांप्रदायिक आरएसएस के बंधुआ मजदूर बने रहेंगे। साथ ही पिछड़े वर्गों के लिए ज्यादा कुछ कर पाने में सक्षम नहीं होंगे।
मायावती ने कहा, यदि हिंदू संतों और शंकराचार्यों ने दलितों के प्रति अपना व्यवहार और रवैया नहीं बदला, तो मैं और मेरे समर्थक बौद्ध धर्म अपना लेंगे। मायावती की ओर से भाजपा पर यह हमला ऐसे दिन किया गया है जब गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने शहर में अंबेडकर संकल्प भूमि स्मारक परियोजना की आधारशिला रखी।
मायावती ने कहा कि मोदी स्वयं को ओबीसी कहते हैं लेकिन उन्होंने इस वर्ग के लोगों के लिए कुछ भी नहीं किया। वह अंबेडकर के नाम का इस्तेमाल दलितों का वोट जुटाने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने मोदी पर तीन वर्षों में दलितों के लिए कुछ भी नहीं करने का आरोप लगाया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अपने गृह राज्य में चुनाव के मद्देनजर समुदाय के लिए कई वादे कर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 में राजग के सत्ता में आने के बाद भाजपा शासित राज्यों में कमजोर वर्गों के खिलाफ कथित अत्याचार बढ़ गए हैं। उन्होंने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही राज्यसभा की अपनी सदस्यता से इस्तीफा देने के अपने निर्णय का कारण बताते हुये अपने गृह राज्य उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में इस वर्ष के शुरू में हुई जातीय हिंसा का उल्लेख किया।