मुंबई: महाराष्ट्र के मालेगांव 2006 में हुए धमाके के मामले में सभी 9 आरोपियों को मुंबई की एक कोर्ट ने बरी कर दिया है। इन आरोपियों में एक आरोपी शब्बीर अहमद मसिउल्लाह की पहले ही मौत हो चुकी है। बचे हुए सभी आरोपी पहले ही पांच साल जेल में बिता चुके हैं। बाद में इन्हें जमानत मिली थी। 2006 के धमाके के मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और इन्हें सिमी से जुड़ा बताया गया था। मालेगांव में चार धमाके हुए थे।बाद में यह जांच एनआईए के पास गई, जिसमें यह सामने आया कि मालेगांव धमाके में गिरफ्तार किए लोगों का हाथ नहीं है बल्कि हिंदू संगठन का हाथ है। इसके बाद कोर्ट ने 9 आरोपियों को जमानत दे दी थी। इन 9 लोगों ने कोर्ट में अर्जी दी थी कि उन्हें एटीएस ने फंसाया है और उन्हें इस मामले में डिस्चार्ज किया जाए।
मुख्य आरोपी नुरुल ने एनडीटीवी से कहा कि हमें एटीएस ने जबरजस्ती गिरफ्तार किया और इकबालिया बयान लिया। 2008 में हुए धमाके के मामले में एटीएस की जांच में ‘अभिनव भारत’ संस्था का नाम सामने आया था। इस मामले में स्वामी असीमानंद, कर्नल पुरोहित सहित साध्वी प्रज्ञा सिंह को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले की जांच जारी है। असीमानंद ने अपने इकबालिया बयान में सुनील जोशी का नाम लिया था। कहा जाता है कि सुनील जोशी ने इस हमले के बारे में कहा था कि उनके लड़कों ने यह काम किया था। बाद में सुनील जोशी की हत्या हो गई थी। पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई थी।
आइए जानें मालेगांव 2006 धमाके से जुड़ी कुछ अहम बातें :
8 सितंबर 2006 को कुल 4 बम धमाके हुए थे। 3 हमीदिया मस्जिद में और एक मुशावरत चौक पर हमला हुआ था। 31 लोगों की मौत हुई थी और 312 के करीब जख्मी हुए थे। जांच एजेंसी एटीएस ने तब कुल 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर 9 युवकों को गिरफ्तार किया था और उनके खिलाफ मकोका के तहत आरोपपत्र दायर किया था। एटीएस ने मामले में एक आरोपी को सरकारी गवाह भी बनाया था लेकिन बाद में वो मुकर गया। एटीएस की जांच पर सवाल उठने पर मामला सीबीआई को दे दिया गया। सीबीआई ने भी एटीएस की कहानी को ही आगे बढ़ाते हुए 11 फ़रवरी 2010 को सभी 9 आरोपियों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर किया।
उसके बाद मामले में नया मोड़ तब आया जब असीमानन्द के बयान के बाद राष्ट्रिय जांच एजेंसी ने 4 दूसरे लोगों को मामले में आरोपी बनाया और उनके खिलाफ 25 मई 2013 को एनआईए के स्पेशल कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया। तब से मामला उलझा हुआ है। एटीएस द्वारा गिरफ्तार 9 मुस्लिम आरोपियों में से 6 की जमानत हो चुकी है। एक की मौत हो गई है और 2 जेल हिरासत में हैं। वहीं एनआईए द्वारा गिरफ्तार सभी 4 हिन्दू आरोपी जेल हिरासत में हैं।
अब जमानत पर छूटे मुस्लिम आरोपियों ने अपने खिलाफ दर्ज मामले को ख़ारिज करने की अर्जी दी है। जिस पर आज फैसला हुआ। इसी धमाके में दूसरे मोड्यूल को पकड़ने वाली एनआईए ने पहले वाले आरोपियों के डिस्चार्ज का समर्थन नहीं किया हैं।एनआईए का कहना है कि डिस्चार्ज एप्लीकेशन एनआईए की जांच के आधार पर है ना कि एटीएस की जांच पर। इसलिए इस स्टेज पर फैसला लेने से बेहतर होगा कि मुक़दमा चले।
मालेगांव 2006 के आरोपी (एटीएस वाले)
1) नुरुल हुडा समसुदा (जमानत पर)
2) शब्बीर अहमद मसिउल्लाह (मृत)
3) रईस अहमद रज्जाब अली मंसूरी (जमानत पर)
4) डॉ सलमान फ़ारसी अब्दुल (जमानत पर)
5) डॉ फरोग इक़बाल अहमद मगदुमि (जमानत पर)
6) शेख मोहम्मद अली आलम अनामत अली शेख (जेल हिरासत में)
7) आसिफ खान बसीर खान (जेल हिरासत)
8) मोहम्मद ज़ाहिद अब्दुल मजीद अंसारी (जमानत पर)
9) अब्रार अहमद गुलाम अहमद (जमानत पर)
10) रियाज अहमद सफी अहमद (फरार)
11) इस्तीयाक अहमद मोहम्मद इसाक (फरार)
12) मुन्नवर अहमद मोहम्मद अमीन (फरार)
13) मुज़म्मिल (पाकिस्तानी – फरार)
एनआईए के आरोपी
1) मनोहर नरिवाला उर्फ़ सुमेर ठाकुर (जेल हिरासत में)
2) राजेंद्र चौधरी उर्फ़ दशरथ (जेल हिरासत)
3) धान सिंह (जेल हिरासत)
4) लोकेश शर्मा (जेल हिरासत)