नई दिल्ली, केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली ने मीडिया की एजेंडा तय करने की प्रवृत्ति पर अप्रसन्नता जतायी है और कहा है कि वह अपने मत के समर्थन में लोगों की टिप्पणियों के चुनिंदा अंश को ही लेती है। वित्त मंत्री की पुस्तक अंधेरे से उजाले की ओर के लोकार्पण के अवसर पर भाजपा प्रमुख अमित शाह ने उनकी सराहना करते हुए उन्हें आजादी के बाद के उन चंद नेताओं में एक बताया जिन्होंने मूल्य आधारित राजनीति कायम करने के लिए काम किया है।
पुस्तक को जारी करते हुए शाह ने कहा कि जेटली ने अपने लेखों में ग्रामीण भारत की आवाज को अभिव्यक्त किया है जबकि वे एक संपन्न पृष्ठभूमि से आते हैं और वह लुटियन दिल्ली में पले बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि जेटली ने मीडिया की भी आलोचना की है जबकि उन्हें मीडिया का दुलारा माना जाता है। वित्त मंत्री के रूप में उनके काम की सराहना करते हुए शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार की जीएसटी विधेयक एवं आय घोषणा योजना की दो उपलब्धियों को आगे बढ़ाने में जेटली ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। भाजपा अध्यक्ष ने पारदर्शी एवं मूल्य आधारित राजनीति के लिए उनकी सराहना करते हुए कहा आजादी के बाद जब सार्वजनिक जीवन में मूल्यों में गिरावट आने लगी तो कुछ लोगों ने उन्हें स्थापित करने के लिए सतत संघर्ष किया। पार्टी संबद्धताओं को छोड़ यदि ऐसे नेताओं की एक सूची तय की जाए तो जेटली का नाम उनमें शामिल होगा।