लखनऊ, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दिल का दर्द आखिर छलक ही पड़ा। अवसर था, फिल्म, टेलीविज़न एवं लिबरल आर्ट्स संस्थान, उत्तर प्रदेश के शिलान्यास का।
लोक भवन में आयोजित शिलान्यास कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, दो वक्ताओं द्वारा कही गई बात को दोहराते हुये, आखिर अपने दिल की बात कह गये। शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान सूबे से निकले फिल्म स्टार अपनी कामयाबी और शुरुआती दिनों में परिवारों से मिली प्रताड़ना का जिक्र कर रहे थे। इसी क्रम मे,मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सम्बोधन से पहले, निर्माता, निर्देशक और अभिनेता अनुराग कश्यप और अभिनेता रविकिशन ने कार्यक्रम को संबोधित किया। फिल्म स्टार रविकिशन ने किस्सा सुनाया कि कैसे एक ब्राह्मण का बेटा होकर उन्हे जब फिल्मों का शौक चढ़ा तो पिता ने चमड़े का सोटा इसलिए खरीदा ताकि फिल्मों का भूत उतार सकें। जब मां ने यह जाना तो, 500 रुपये देकर मुंबई भगाया ताकि बेटा, पिता की पिटाई से बच सके। वहीं निर्माता, निर्देशक और अभिनेता अनुराग कश्यप ने बताया कि उनके परिवार वाले उन्हें आईएएस या आईपीएस बनाना चाहते थे लेकिन जब उन्होंने फिल्मों का रास्ता चुना तो परिवार में बहुत बवाल हुआ। इसके बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शिलान्यास कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मंच पर रविकिशन और अनुराग कश्यप कह रहे थे कि वो जो करना चाहते थे, घर वाले नहीं करने देते थे, मैं अब ये बात यही अधूरी छोड़ता हूँ……..दरअसल, पिछले कई महीनों से, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने परिवार मे ही सियासत की लड़ाई लड़ रहें हैं। उन्हे लगता है कि राजनीति मे वह जो करना चाहतें हैं, परिवार के लोग ही उसमे रोड़ा लगाने का काम करतें हैं।