चम्पावत/नैनीताल, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को लदिया और रतिया नदी के संगम पर सिखों के प्रमुख तीर्थ स्थल गुरुद्वारा श्री रीठा साहिब में सालाना जोड़ मेले का शुभारंभ किया।
मेले का शुभारंभ गुरु ग्रंथ साहिब पाठ की लड़ी ‘जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल, जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल’ के घोष के साथ हुआ।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ‘जितने बैसन साध जन, सो थान सुहन्दा’ अर्थात् जहाँ महापुरुषों के चरण पड़ते हैं वह स्थान तीर्थ बन जाता है। उन्होंने कहा कि माना जाता है कि वर्ष 1501 में श्री गुरु नानक देव जी अपने शिष्य मरदाना के साथ रीठा साहिब आए तो इस दौरान उनकी मुलाकात सिद्ध मंडली महंत गुरु गोरखनाथ के शिष्य ढेरनाथ से हुई।
जब गुरु नानक जी महाराज और ढेरनाथ के बीच लंबा संवाद चल रहा था, तभी शिष्य मरदाना को भूख लगी। जब भोजन ना मिला तो फिर निराश होकर श्री गुरु नानक देव के पास पहुंचा। गुरु नानक देव जी ने शिष्य के सामने रीठे के पेड़ को छूकर खाने का आदेश दिया। रीठा कड़वा होता जानकर भी मरदाना ने गुरु के आदेश का पालन करते हुए जैसे ही एक रीठे को खाया, रीठे के फल को मीठा पाया।
तब से इस स्थान का नाम रीठा साहिब पड़ गया और तभी से यहां पर श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में भी मीठा रीठा बांटा जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री रीठा साहिब ऐसा दिव्य स्थान है जहां गुरुनानक देव जी ने सत्संग कर कड़वे रीठे में मिठास भर कर दुनिया को प्रेम, सेवा व समर्पण का संदेश दिया था। उन्होंने कहा कि जैसी अनुभूति आप सभी को कार सेवा के समय होती है, वैसी ही अनुभूति आज मुझे जोड़ मेले में आप सबके बीच उपस्थित होकर हो रही है।
उन्होंने कहा कि गुरुनानक देव जी की शिक्षाओं में ‘इक ओंकार सत नाम ’ का मंत्र गहन प्रेरणा देने वाला है। भलाई के मार्ग पर चलने के साथ-साथ करुणा, न्याय और समानता की भावना को प्रदर्शित करने वाली उनकी शिक्षा सारी मानव जाति का मार्गदर्शन तथा समाज को एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य करने वाली हैं।
उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी के इस चमत्कारिक शक्ति केन्द्र रीठा साहिब के अलावा गुरु गोविंद सिंह जी की दिव्य तपस्थली हेम कुंड साहिब, नानकमत्ता साहिब और गुरु परम्परा के अनेक पवित्र स्थल इस उत्तराखण्ड की धरती पर गुरु महाराज की शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम सभी के लिए प्रसन्न्ता का विषय है कि प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में हेमकुंड साहिब तक रोपवे का निर्माण किया जा रहा है। अब दुनियाभर से सिक्ख श्रद्धालु हेमकुंड साहिब के दर्शन आसानी से कर पायेंगे।
यह आदरणीय प्रधानमंत्री जी के ही कुशल नेतृत्व का प्रतिफल है कि आज करतारपुर कॉरिडोर प्रारंभ करने जैसा कठिन कार्य पूर्ण हो पाया और सिख समाज की जो वर्षों पुरानी मुराद थी वो पूरी हो पाई। यही नहीं प्रधानमंत्री ने एक ओर जहां 26 दिसंबर को गुरू गोविंद सिंह जी के साहिबजादों की शहादत को याद करने के लिए पहली बार ‘वीर बाल दिवस’ मनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया वहीं दूसरी ओर गुरू तेग बहादुर जी की जयंती पर सूर्यास्त के बाद लाल किले से जनता को संबोधित कर इतिहास रचने वाले पहले प्रधानमंत्री बने।
उन्होंने कहा कि आज हम सब इस पावन पर्व पर सभी गुरुओं की पवित्र शिक्षाओं पर अटूट श्रद्धा और दृढ़ विश्वास के साथ पवित्र परम्पराओं को आगे बढ़ाने का संकल्प लें। उनके बताये गये मार्ग पर चलें।
उन्होंने रीठा साहिब में लधिया नदी में मोटर पुल के निर्माण की घोषणा की। इससे पहले मुख्यमंत्री के श्री रीठा साहिब पहुचने पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से मुख्यमंत्री का स्वागत किया गया और सरोफा भेंट किया गया।
उन्होंने मत्था टेका और प्रदेश की खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने गुरु गोरखनाथ मन्दिर में भी दर्शन कर आशीर्वाद लिया।
इस दौरान ग्रामीणों की ओर से रीठा साहिब में डिग्री कॉलेज की खोलने, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चौड़ापिता का उच्चीकरण, धरसों खनोलिया मोटर मार्ग का डामरीकरण केड़ा इजर-कोडार मोटर मार्ग का निर्माण, पशु चिकित्सालय रीठा साहिब में पर्याप्त स्टाफ की तैनाती, अटल आदर्श इंटर कॉलेज चौड़ा मेहता में रिक्त पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति जैसी अन्य समस्याएं रखी।
इस अवसर पर कार सेवा प्रमुख बाबा बचन सिंह, बाबा सुरेन्द्र सिंह, बाबा तरसेम सिंह, गुरुद्वारा प्रबंधक बाबा श्याम सिंह, बाबा जसविंदर सिंह, विधायक लोहाघाट खुशाल सिंह अधिकारी, जिलाध्यक्ष भाजपा निर्मल महरा, ब्लॉक प्रमुख पाटी सुमनलता, राज्य किसान आयोग के उपाध्यक्ष राजपाल सिंह, भाजपा प्रदेश कार्यकारी सदस्य सतीष पाण्डेय, और देश विदेश से आए श्रद्धालु, उपस्थित रहे।