नैनीताल, उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाई शैलेश बिष्ट को धमकी देने के आरोपी कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्य क्रांति कपरवाण को राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति राकेश थपलिया की पीठ में हुई। प्रकरण के अनुसार शिकायतकर्ता शैलेश बिष्ट भारतीय सेना में तैनात हैं और वर्तमान में कोटद्वार में तैनात हैं। उन्होंने कोटद्वार पुलिस को तहरीर देते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता श्री कपरवाण ने उनके परिवार को लेकर विगत 16 जून को सोशल मीडिया पर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट की।
जब उसने फोन कर उक्त सामग्री को हटाने का अनुरोध किया तो आरोपी ने मेरे साथ बदसलूकी की। यही नहीं आरोपी ने कुछ दिनों बाद फिर फोन कर जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी।
सरकार की ओर से बताया गया कि जांच जारी है और आरोपी को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 35(3) के तहत नोटिस जारी किया गया है। आरोपी की ओर से गिरफ्तारी से बचने के लिये हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। कहा गया कि मामला राजनीति से प्रेरित है।
पीठ ने सभी तथ्यों के परीक्षण के बाद आरोपी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। साथ ही अदालत ने जांच जारी रखने के निर्देश दिये हैं।