इटावा, के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव सैंफई में होने के अगले दिन बुधवार को हुए शुद्धि संस्कार के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित अन्य दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
गौरतलब है कि सोमवार को श्री यादव का गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में निधन होने के बाद मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके अंतिम संस्कार में उमड़े हुजूम के एक दिन बाद भी श्री यादव को श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ है।
सपा संरक्षक श्री यादव के पुत्र अखिलेश यादव ने उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी थी। अंतिम संस्कार के क्रम में बुधवार को पूरे विधि विधान से शुद्धि संस्कार किया गया। इस दौरान अखिलंश सहित मुलायम परिवार के अन्य सदस्यों ने मुंडन कराया।
इस दौरान शोक संतृप्त परिवार को सांत्वना देने के लिये आने वालों का सिलसिला जारी रहा। इस क्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पहुंचे। उन्होंने श्री यादव की तस्वीर पर माल्यार्पण किया। इसके बाद उन्होंने अखिलेश यादव से गले मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया। इस दौरान अखिलेश के साथ ही उनके चाचा रामगोपाल और शिवपाल भी मौजूद रहे। नीतीश के साथ जदयू के वरिष्ठ नेता ललन सिंह और केसी त्यागी भी पहुंचे थे।
इससे पहले जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव भी सैफई पहुंचे। गौरतलब है कि आज सुबह अखिलेश ने ट्वीट कर पिता के जाने का दर्द जाहिर किया। उन्होंने श्री यादव की चिता की दो तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “आज पहली बार लगा, बिन सूरज के उगा सवेरा।”
अपने प्रिय नेता के गम में डूबे सैंफई गांव में बुधवार को लोगों ने दुकानें नहीं खोली हैं। चारों तरफ नेताजी के उपनाम से लोकप्रिय मुलायम सिंह की ही लोग चर्चा करते रहे। आज शुद्धि संस्कार प्रक्रिया पूरी होने के बाद मीडिया से रूबरू हुए प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि नेताजी ने समाजवाद की नई गाथा लिखी थी। उनकी विचारधारा अमर रहेगी। नेताजी सबको साथ लेकर चलते थे, मैं भी चलूंगा। मैंने अपने जीवन में हर फैसला नेताजी के आदेश पर ही लिया।
मुलायम परिवार में आगे क्या होगा, इस पर उन्होंने कहा कि इस पर बात करनेे का यह सही वक्त नहीं है। जिम्मेदारी के सवाल पर बोले, “जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी उसे संभालूंगा। घर, परिवार, समाज और पूरे सैफई के साथ ही जिन्हें कहीं सम्मान नहीं मिला है, उन्हें साथ लेकर चलूंगा।”