अखिल भारत वर्षीय यादव महासभा द्वारा लखनऊ मे आयोजित होली मिलन और सम्मान समारोह मे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की अचानक उपस्थिति राजनैतिक क्षेत्रों मे चर्चा का विषय है। सूत्रों के अनुसार, यादव महासभा के कार्यक्रमों मे मुलायम सिंह यादव लगभग एक दशक से सम्मिलित नही हुये हैं। लखनऊ मे तो २१ साल बाद मुलायम सिंह यादव ने यादवों के किसी जातीय कार्यक्रम मे भाग लिया है। चर्चा यह है कि मुलायम सिंह यादव की यादव महासभा के होली मिलन कार्यक्रम मे उपस्थिति अचानक नही है। रणनीति के तहत नेताजी ने अखिल भारत वर्षीय यादव महासभा द्वारा लखनऊ मे आयोजित होली मिलन और सम्मान समारोह मे शिरकत की है।
अभी चार अप्रैल को निषादराज जयंती के अवसर पर समाजवाली पार्टी के कार्यालय मे आयोजित कार्यक्रम मे मुलायम सिंह यादव ने सभी १७ पिछड़ी निषाद जातियों से एक होने और एक सरनेम कश्यप लगाने के लिये कहा और उन्होने अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा का उदाहरण देते हुये कहा कि पूरे देश मे यादवों को एक करने और एक सरनेम देने का कार्य यादव महासभा ने िकया है। यह सच है कि डा० उदयप्रताप सिंह यादव के नेतृत्व मे अखिल भारत वर्षीय यादव महासभा ने पूरे देश मे यादवों के बीच गहरी पैठ बनायी है। १९ मार्च को दिल्ली मे आयोजित अखिल भारत वर्षीय यादव महासभा के राष्ट्रीय अधिवेशन मे इसकी झलक दिखायी पड़ी , जहंा देश के हर राज्य से भारी संख्या मे यादव अधिवेशन मे शामिल हुये। सात ही मंच पर भी क्ेनद्र सरकार के दो कैबिनेट मंत्रियों सहित हर दल के शीर्ष यादव नेता उपििस्थत थे।
चर्चा यह है कि जहंा अन्य राजनैतिक दल अभी इंतजार की मुद्रा मे हैं वहीं राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी मुलायम सिंह यादव ने गंभीरता पूर्वक यूपी विधाानसभा २०१७ की तैयारी शुरू कर दी है। यूपी विधाानसभा २०१७ के चुनाव मे वोटों के नजरिये से पिछड़ेवर्ग की भूमिका सबसे अहम होंगी। कुल वोटों का लगभग ६० प्रतिशत हिस्सा पिछड़े वर्ग का है। और पिछड़े वर्ग मे शामिल जातियों मे सबसे ज्यादा जनसंख्या यादवों की है। एेसी स्थिति मे , सभी राजनैतिक दलों की निगाहें यादव वोटरों पर टिकी हैं।
अखिल भारत वर्षीय यादव महासभा द्वारा लखनऊ मे आयोजित होली मिलन और सम्मान समारोह मे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के प्रति यादवों का उत्साह और प्रेम देखकर यह तो स्पष्ट हो गया कि आज भी यादवों मे मुलायम सिंह का क्रेज बरकरार है। युवा हो या वृद्ध सभी मे मुलायम सिंह यादव से मिलने और उन्हे अपना चेहरा दिखाने की होड़ थी।
मुलायम सिंह यादव की राजनैतिक जमीन मुख्यतः पिछड़े और मुस्लिम वर्ग पर ही टिकी है । उनके राजनैतिक कैरियर के ग्राफ को आगे बढ़ाने मे पिछड़ों और मुस्लिमों की अहम भूमिका रही है। वैसे तो यूपी मे चार साल पूरे कर चुकी सपा सरकार ने अपने चार साल के कार्यकाल मे बिना किसी भेदभाव के सभी वर्गों के लिये कार्य किया है। लेकिन जब बात चुनावों की आती है तो मुलायम सिंह यादव को सबसे अधिक भरोसा पिछड़े और मुस्लिम वर्ग पर ही है। इसीलिये पिछड़ी जातियों की महासभाओं मे नेताजी की सक्रियता काफी तेजी से बढी है, जो अनायास नही है,