लखनऊ,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि प्रदेश में कोविड टेस्टिंग में हर दिन एक नया रिकॉर्ड बन रहा है, वहीं दैनिक केस में निरंतर कमी आती जा रही है और रिकवरी दर बेहतर होता जा रहा है।
कोविड-19 प्रबंधन के लिये गठित टीम-09 को संबोधित करते हुये श्री योगी ने कहा कि टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट के मंत्र के अनुरूप कोरोना के खिलाफ हमारी रणनीति कारगर सिद्ध हो रही है। वर्तमान में प्रदेश में कुल 62,271 एक्टिव कोरोना मरीज हैं। 30 अप्रैल की पीक की स्थिति के सापेक्ष 26 दिन के भीतर मरीजों की संख्या मात्र 20 फीसदी रह गई है। प्रदेश के रिकवरी दर में हर दिन बेहतरी हो रही है। अब यह 95.1 प्रतिशत तक पहुंच गया है। पिछले 24 घंटों में कोविड संक्रमण के 3,371 केस सामने आए हैं, जबकि इसी अवधि में 10,540 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज भी हुए हैं।
उन्होने कहा कि कोविड टेस्टिंग में उत्तर प्रदेश हर दिन एक नया रिकॉर्ड बना रहा है। बीते 24 घंटे में तीन लाख 58 हजार 273 टेस्ट किए गए हैं। इसमें एक लाख 48 हजार सैम्पल आरटीपीसीआर के लिए जिलों से भेजे गए हैं। एक दिन में इतने टेस्ट, करने वाला एकमात्र राज्य उत्तर प्रदेश है। वर्तमान में टेस्ट पॉजिटिविटी दर मात्र 1 फीसदी रह गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के संबंध में सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। आज से एसजीपीजीआई के विशेषज्ञ भी इन मरीजों की स्थिति पर सीधी नजर रखेंगे। लखनऊ, मेरठ, गोरखपुर, वाराणसी सहित जहां कहीं भी ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज हो रहा है, एसजीपीजीआई के विशेषज्ञों के सुपरविजन में होगा। स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग सभी अस्पतालों के सम्पर्क में रहें, कहीं भी उपयोगी दवाओं का अभाव न हो।
उन्होने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा तंत्र को और सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। बीते चार वर्षों में इस क्षेत्र में अनेक प्रयास किये गए हैं, जिनसे आधारभूत संरचना समृद्ध हुई है। निर्माणाधीन सीएचसी/पीएचसी का कार्य समय से पूरा किया जाए। इसके लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त कर निर्माण कार्य की सतत मॉनीटरिंग कराई जाए। बेसिक शिक्षा विभाग में ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ की तर्ज पर स्वास्थ्य और मेडिकल एजुकेशन विभाग में भी अभियान चला कर व्यवस्था सुदृढ़ की जाए। स्वास्थ्य मंत्री के स्तर से भी सभी दलों के जनप्रतिनिधियों से सहयोग का आग्रह किया जाए। आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं सतत जारी रखी जाए।
श्री योगी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधीन संचालित सभी पीएचसी, सीएचसी, हेल्थ सेंटर, जिला अस्पताल की सुविधाओं का एक डेटाबेस तैयार किया जाए। इनकी जियो मैपिंग करते हुए किस केंद्र पर कितने चिकित्सक हैं, पैरामेडिकल स्टाफ की स्थिति क्या है, दवाओं की उपलब्धता कितनी है, भवन, उपकरणों की क्या स्थिति है, आदि के संबंध में जानकारी देने वाला मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किया जाना चाहिए। यह आमजनता के लिए उपयोगी होगा।
उन्होने कहा कि कोरोना की चेन तोड़ने में भी निगरानी समितियों ने सराहनीय कार्य किया है। अब एक ओर जहां विशेषज्ञों ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई है वहीं बरसात का मौसम प्रारंभ होने वाला है और इंसेफेलाइटिस की समस्या भी बढ़ने की संभावना होगी। अतः प्रो-एक्टिव नीति के तहत हमें सर्विलांस को और बेहतर करना होगा। देवरिया, कुशीनगर, बस्ती और सिद्धार्थ नगर जैसे इंसेफेलाइटिस प्रभावित जिलों में तैयारियों की वह खुद समीक्षा करेंगे। अन्य सभी जिलों में भी सतर्कता बरती जाए।