लखनऊ, उत्तर प्रदेश में ग्राम सचिवालयों को ई-गवर्नेंस और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) पर आधारित अत्याधुनिक सेवाओं से जोड़ने संबंधी योगी सरकार की योजना को मंत्रिपरिषद की मंजूरी मिल गयी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुयी मंत्रिपरिषद की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी। सरकार की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार ग्राम सचिवालय के सुदृढ़ीकरण एवं इसके माध्यम से दी जाने वाली सेवाओं के सम्बन्ध में पेश किये गये प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। इसके अन्तर्गत सेन्टर फार ई-गवर्नेंस, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक विभाग द्वारा चयनित जिला सेवा प्रदाता (डीएसपी) के माध्यम से ग्राम पंचायतों में कार्यरत पंचायत सहायक, जन सेवा केन्द्र संचालक के रूप में अधिकृत होंगे।
साथ ही, जन सेवा केन्द्र और ई-डिस्ट्रिक्स पोर्टल के माध्यम से दी जाने वाली समस्त सेवाएं (14 उन सेवाओं को सम्मिलित करते हुए जो वर्तमान में ई-डिस्ट्रिक्स पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है, परन्तु कालान्तर में आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाएंगी) ग्रामीण लोगों को पूर्व निर्धारित उपयोग शुल्क लेकर मुहेया करायी जायेंगी। जन सेवा केन्द्र संचालक को प्राप्त होने वाला उपयोग शुल्क, ग्राम पंचायत के खाते (ग्राम निधि) में ग्राम पंचायतों की आय के रूप में जमा किया जाएगा।
गौरतलब है कि प्रदेश की कुल 58,189 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय स्थापित किया जा रहा है। इन सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय सुचारू रूप से चल सकें, इसके लिए पंचायत सहायकों की भी तैनाती की गई है। अभी तक 56,366 पंचायत सहायकों को चयनित कर उन्हें प्रशिक्षित कर कार्य पर लगाया जा चुका है। इनकी सफलता के लिए आवश्यक है कि ग्राम सचिवालय ग्रामीण जनता की रोजमर्रा की सभी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।
इस परियोजना के तहत प्रदेश सरकार द्वारा ग्राम पंचायत सचिवालयों को कम्प्यूटर एवं इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध करायी जा रही है। ग्रामीण जन को आवश्यक अभिलेख एवं प्रमाण-पत्र ग्राम सचिवालय में पंचायत सहायक के माध्यम से प्राप्त हो सकें, इसकी व्यवस्था बनाई जाएगी।