लखनऊ, उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 10 सीटों के लिए मंगलवार को हुये मतदान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सभी आठ उम्मीदवारों को जीत मिली है वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) को दो सीटों पर संतोष करना पड़ा है।
विधान भवन के तिलक हाल में हुये मतदान में 403 सदस्यीय सदन के 395 विधायकों ने राज्यसभा के लिए द्विवार्षिक चुनाव में वोट डाले। दस सीटों के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आठ और समाजवादी पार्टी (सपा) के तीन उम्मीदवार मैदान में थे।
मतदान से पहले भाजपा को सात और सपा को दो सीटें मिलनी तय थी जबकि दसवीं सीट पर भाजपा के संजय सेठ और सपा के आलोक रंजन बीच कड़ा मुकाबला था जिसमें अंतत: भाजपा ने बाजी मारी। राज्यसभा के रोचक मुकाबले में भाजपा के संजय सेठ को 29 मत मिले जबकि सपा के आलोक रंजन को वरीयता के 19 मत ही हासिल हो पाए।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जीते हुये प्रत्याशियों को बधाई देते हुये कहा कि जिनके मतों से भाजपा उम्मीदवार विजयी हुये हैं,उनकी पार्टी आभारी है। उन्होने कहा कि सपा को तीसरे प्रत्याशी को लड़ाना ही नहीं चाहिये था। यह भाजपा के सिद्धांतों की जीत है और विजय का यह सफर आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भी जारी रहेगा।
इस चुनाव में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह, संगीता बलवंत, साधना सिंह, अमरपाल मौर्य, तेजवीर सिंह, नवीन जैन और संजय सेठ विजयी घोषित किये गये जबकि मुख्य विपक्षी दल सपा ने मौजूदा राज्यसभा सांसद जया बच्चन और पूर्व मंत्री रामजी लाल सुमन राज्यसभा के लिये निर्वाचित हुये हैं हालांकि पूर्व आईएएस अधिकारी और सपा प्रत्याशी आलोक रंजन को हार का सामना करना पड़ा है।
भाजपा की आठवीं सीट पर जीत में सपा के बागी विधायकों की भूमिका अहम रही है वहीं राष्ट्रीय लोकदल (रालोद), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा),बहुजन समाज पार्टी (बसपा),निषाद पार्टी,अपना दल (एस) और रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) की पार्टी ने भी भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में मतदान किया।