लखनऊ , समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को पटखनी देकर उत्तर प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में वापस आयी भारतीय जनता पार्टी की सरकार का गठन जल्द हो जायेगा और इसके लिए विधायक दल की बैठक के लिए दो सदस्यीय पर्यवेक्षकों की टीम गठित की गयी है।
पर्यवेक्षक के रुप में पार्टी द्वारा नामित केन्द्रीय नगर विकास मंत्री के वेंकैया नायडू और पार्टी के महासचिव तथा राज्यसभा सदस्य भूपेन्द्र यादव की मौजूदगी में विधायकों की बैठक में विधानमंडल दल का नेता चुना जायेगा।16 मार्च को बैठक होगी। इसके बाद सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी।
सूत्रों ने बताया कि इससे पहले सभी विधायकों से बात की जायेगी। भाजपा लोकतंत्र में पूरी आस्था रखती हैए इसलिये नेता का चयन भी लोकतांत्रिक ढंग से होगा। इसमें सभी विधायकों की राय ली जायेगी। विधानसभा का कार्यकाल 27 मई को पूरा होगा इसलिए सदन का गठन इससे पहले हो जाना चाहिए। 27 मई तक कोई संवैधानिक समस्या नहीं है।
उन्होंने बताया कि पार्टी विधायकों की बैठक विधानभवन के तिलक हाल में होगी। बैठक में भाजपा के 312, अपना दल के 09 और भारतीय समाज पार्टी के चार विधायक शामिल होंगे। अपना दल और भासपा ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लडा था।
उधर, मुख्यमंत्री के साथ ही मंत्रियों के नामो पर चर्चा तेज हो गयी है। विधानसभा अध्यक्ष के लिए भी कई वरिष्ठ विधायकों के नाम पर अटकलें लगनी शुरु हो गयी हैं। मुख्यमंत्री के रुप में केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विधान मंडल दल के नेता सुरेश खन्ना, उपनेता रहे सतीश महाना, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्य समेत करीब दस लोगों का नाम राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय है जबकि विधानसभा अध्यक्ष के रुप में हृदय नारायण दीक्षित, राजेश अग्रवाल, राधामोहन दास अग्रवाल जैसे वरिष्ठ विधायकों का नाम लिया जा रहा है।