लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के सभी सरकारी एवं शैक्षणिक संस्थानों में 26 नवम्बर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाये जाने के निर्देश दिये गये हैं। इसके साथ ही इस अवसर पर नागरिकों में भारत के संविधान के प्रति अधिक से अधिक जागरूकता उत्पन्न करने के लिए ‘संविधान दिवस’ को मनाते समय संविधान की मूल प्रस्तावना को भी सभी सरकारी एवं शैक्षणिक संस्थानों में सम्मानपूर्वक पढ़ा जाय। साथ ही सांस्कृतिक एवं अन्य कार्यक्रमों जिसमें माॅक पार्लियामेन्ट, निबन्ध/वाद-विवाद प्रतियोगिताएं तथा व्याख्यान आदि का आयोजन किये जाने के भी निर्देश दिये गये हैं।
भारत सरकार ने नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष 26 नवम्बर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। भारत सरकार ने गतवर्ष भारतीय संविधान एवं आधुनिक भारत के निर्माण में भारत रत्न डा0 भीम राव अम्बेडकर के योगदान का सम्मान करते हुए उनकी 125वीं वर्षगांठ के अवसर पर 26 नवम्बर, 2015 को पहली बार ‘संविधान दिवस’ पूरे देश ने मनाया। ज्ञातव्य हो कि भारतीय संविधान को 26 नवम्बर, 1949 को संविधान सभा द्वारा भारत के समस्त नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता एवं समता प्रदान करने के लिए तथा आपसी भाईचारा एवं बन्धुत्व बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर अंगीकृति, अधिनियमित और आत्मार्पित किया था।