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ये हैं मेरी सफलता का राज- मारिन

marinनई दिल्ली,  रियो ओलम्पिक-2016 में स्वर्ण पदक अपने नाम करने वाली स्पेन की कैरोलिना मारिन ने कहा है कि उनकी सफलता का राज कड़ी मेहनत और अपने लक्ष्य के पीछे एकचित होकर दौड़ना है। मारिन ने हाल ही में भारत की प्रीमियर बैडमिंटन लीग  में हैदराबाद हंटर्स की तरफ से हिस्सा लिया था और सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था। समाचार एजेंसी एफे ने मारिन के हवाले से लिखा है कि उनके कोच ने उन्हें इस शानदार फॉर्म में पहुंचाया है। मारिन ने कहा, जहां मेरे कोच फर्नाडो रिवाज जाएंगे कैरोलिना वहां जाएगी। मारिन को शुक्रवार को हुए पीबीएल के फाइनल में दक्षिण कोरिया की सुंग जी ह्यून 6-11, 11-6, 11-5 से मात दी। मारिन की टीम को सेमीफाइनल में मुंबई रॉकेट्स के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। इस साल के सभी बड़े टूर्नामेंट आने बाकी हैं। मार्च में इंग्लैंड ओपन खेला जाएगा जबकि अगस्त में ग्लास्गो में विश्व चैम्पियनशिप खेली जाएगी।

मारिन के लिए यह टूर्नामेंट महत्वपूर्ण होंगे। इन टूर्नामेंटों से पहले उनके सामने पीठ की चोट से उबरने की चुनौती भी होगी। मारिन ने कहा, एक खिलाड़ी के लिए सबसे मुश्किल काम चोट से उबरना होता है, लेकिन अंत में यह एक अन्य चुनौती है। मारिन ने अपने बैडमिंटन करियर के बारे में बताते हुए कहा, जब मैंने बैडमिटन खेलना शुरू किया था तब मैं बहुत बुरा खेलती थी। मैं सोच भी नहीं सकती थी कि मैं विश्व विजेता बनूंगी, लेकिन यह मेरे व्यवहार के कारण ही मुमकिन हो सका। मारिन भारत के कई बैडमिंटन खिलाड़ियों का भी अनुसरण करती हैं, जिनमें से एक 1980 में ऑल इंग्लैंड ओपन विजेता प्रकाश पादुकोण हैं। प्रकाश ने हाल ही में मारिन के खेल की तारीफ की थी और कहा था कि जब वह उनके कोच से मिलेंगे तो पूंछेंगे की उनकी सफलता का क्या राज है। उन्होंने कहा, इसका पता नहीं लगाया जा सकता। यह राज है। अभ्यास के अलावा लक्ष्य दिमाग में होना और उसके पीछे भागना भी एक कारण है।

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