लखनऊ, उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी रोकने की कवायद में योगी सरकार ने हर घर, हर परिवार को बिजली कनेक्शन देने का फैसला किया है।
आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि यूपी पावर कारपोरेशन लि. के अन्तर्गत पांचों वितरण निगमों में कुल 3.27 करोड़ विद्युत उपभोक्ता है। इनमें से घरेलू प्रयोग के लिये कुल संयोजनों की संख्या 2.88 करोड़ है। उत्तर प्रदेश की जनसंख्या को देखते हुए यह स्पष्ट है कि कुल घरेलू विद्युत संयोजनों की संख्या कुल परिवारों की संख्या के सापेक्ष कम है। इसीलिए सरकार ने यह निर्णय लिया है। ऐसे समस्त परिवार जो कि वर्तमान में विद्युत का प्रयोग कर रहे हैं, परन्तु उनके द्वारा संयोजन नहीं लिया गया है,उनको नियमानुसार संयोजन निर्गत किया जाएगा। इससे बिजली चोरी पर भी रोक लग सकेगी तथा ऐसे परिसर जो कि अविद्युतीकृत हैं का विद्युतीकरण कराकर संयोजन निर्गत कर दिया जाए।
उन्होने बताया कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए यूपीपीसीएल के अध्यक्ष एम देवराज ने विभागीय स्तर पर आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि विद्युतीकरण से छूटे समस्त परिवारों का चिह्नांकन आवश्यक है। इसके लिए अभियान चलाकर ऐसे परिवारों व घरों को चिन्हित किया जाएगा, जिनके निवास स्थान पर वर्तमान में कोई भी वैध विद्युत संयोजन नहीं है। इसके लिए विद्युत विभाग के कर्मचारी ग्राम पंचायत में उपलब्ध परिवार रजिस्टर, नगरीय क्षेत्र में हाउस टैक्स / वॉटर टैक्स जमा करने वाले परिसरों का विवरण और राशनकार्ड का विवरण देखकर विद्युत संयोजन है या नहीं का निर्णय कर सकते हैं।
इससे प्राप्त मूल सूचना को आधार बनाते हुए विस्तृत सर्वे कराने के लिए सरकार ने नए प्रयोग करने के भी निर्देश दिए हैं। इसके अंतर्गत, जनपद में स्थित इंटर कॉलेज, आईटीआई, पॉलीटेक्निक एवं उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्रों को सर्वे के लिए सम्मिलित करने को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में प्रधानाचार्यों की एक बैठक जनपद स्तर पर कर इच्छुक छात्रों का चिन्हीकरण करते हुए छात्रों की टोलियों को क्षेत्र आवंटित कर क्षेत्र का सर्वे कराया जाएगा। निर्धारित प्रारूप पर उनके माध्यम से सूचना प्राप्त की जाएगी। सर्वे के लिए छात्रों को एक प्रोजेक्ट के माध्यम से कार्य आवंटन किया जाएगा। इसके अलावा राज्य आजीविका मिशन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में स्वयं सहायता समूह एवं विद्युत सखियां कार्य कर रहे हैं। जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित कर स्वयं सहायता समूह / विद्युत सखियों को अपने क्षेत्र में उक्त सर्वे करने हेतु प्रेरित किया जाएगा। वहीं, बिलिंग एजेंसीज के कर्मचारी भी इसमें हिस्सा लेंगे। एजेंसी के साथ हुए अनुबंध में भी स्कोप ऑफ वर्क के तहत यह प्रावधान है, जिसमें कहा गया है कि एजेंसी बिजली का इस्तेमाल करने वाले नॉन कंज्यूमर को सर्च और लोकेट करेगी।
सर्वे के दौरान यह देखना होगा कि घर पर वैध विद्युत संयोजन है अथवा नहीं। जिन घरों में वैध विद्युत संयोजन नहीं है वहां पर कई प्रकार की स्थिति बन सकती है। मसलन, संबंधित परिवार द्वारा विद्युत का उपयोग नहीं किया जा रहा है। या फिर कटिया लगाकर अवैध रूप से विद्युत का उपयोग किया जा रहा है। या एक ही संयोजन से एक से ज्यादा घरों को अवैध रूप से विद्युत आपूर्ति दी जा रही है। तीनों ही प्रकार के मामलों में इन घरों व परिवारों को वैध विद्युत संयोजन लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
छात्रों और स्वयं सहायता समूहों / विद्युत सखियों को सर्वे के उपरांत प्रति नए संयोजन के लिये 100 रुपए इंसेंटिव के रूप में दिया जाएगा और यह भुगतान संबंधित अधिशासी अभियंता द्वारा साप्ताहिक रूप से संबंधित को दिया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। नकद राशि के अतिरिक्त अच्छा कार्य करने वाले व्यक्ति / समूहों को प्रमाण पत्र / प्रशस्ति पत्र भी अधिशासी अभियंता द्वारा दिए जाएंगे। बिलिंग एजेन्सी के कार्मिकों को सर्वे कार्य करने पर अलग से इंसेंटिव देय नहीं होगा।