मुंबई, रवीना टंडन के मुताबिक आम लोगों की तरह फिल्मी सितारों में भी खुदकुशी करने की फिलिंग आती है और खासकर तब जब वो किसी बात को लेकर बहुत डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। डिप्रेशन पर लिखी एक किताब के लांच पर पहुंची रवीना ने बताया आम लोगों की तरह फिल्म-जगत के सितारे भी डिप्रेशन से गुजरते हैं। सफलता के बाद जब असफलता का दौर शुरू होता है, तो बड़े-से-बड़ा सितारा भी डिप्रेशन में जा सकता है। हर कोई हमेशा एकदम खुश नहीं रह सकता। और जो हारने लगते हैं, उनके अंदर आत्महत्या करने की सोच विकसित होती है और ये हर किसी के साथ होता है फिर वो फिल्म स्टार ही क्यों ना हो।
अंजलि छाबरिया की लिखी किताब डेथ इज नॉट द आंसर के लांच पर रवीना टण्डन ने डिप्रेशन से परेशान बॉलीवुड का पक्ष लेते हुए कहा कि फिल्मों काम करने वाले भी आम इंसान ही ही होते हैं। उन्हें भी वही दर्द और तकलीफ होती है जो आम लोगों को होती है। बॉलीवुड के सितारे जरूर डिप्रेशन का शिकार होते हैं, इसमें कोई दो राय नहीं है। रवीना ने बताया देश में इस समय जो आत्महत्या का आंकड़ा सामने आया है, उसमें 10 लोगों में 6 महिलाएं हैं। यह बेहद गंभीर मुद्दा है और इसका गंभीरता से समाधान भी किया जाना चाहिए।