राजभवन में बीएमआई स्वास्थ्य कार्यशाला का आयोजन

लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में शनिवार को राजभवन के गांधी सभागार में राजभवन के अधिकारियों व कार्मिकों के लिए बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) स्वास्थ्य कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना तथा संयमित जीवन शैली को बढ़ावा देना था।
आनंदीबेन पटेल ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के महत्व और इसके लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने सभी को बुरी आदतें छोड़ने, दिनचर्या में अनुशासन लाने तथा शरीर की व्यक्तिगत आवश्यकताओं को समझने की सलाह दी।उन्होनें कहा कि हमें हमारी दिनचर्या के प्रबंधन व योजना बनाये जाने की जरूरत है। प्रत्येक व्यक्ति का शरीर अलग होता है, इसलिए स्वस्थ रहने के उपाय भी व्यक्तिगत होने चाहिए। उन्होंने कहा कि वजन नियंत्रित करने के लिए आत्मनिरीक्षण जरूरी है।
कार्यशाला में महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए राज्यपाल ने प्रातः पांच बजे उठकर सैर करने, धीरे-धीरे भोजन की मात्रा कम करने, और रोटी के साथ अधिक सब्जी खाने की सलाह दी।उन्होने रोटी को चबा-चबाकर खाने, कम नमक का उपयोग, दूध पीने व चाय से परहेज की भी सलाह दी।
उन्होंने यह भी कहा,“सुबह का नाश्ता राजा की तरह, दोपहर का भोजन राजकुमार की तरह और रात का खाना भिखारी की तरह करना चाहिए।” उन्होंने योग और प्राणायाम जैसे अनुलोम-विलोम और कपालभाति को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने मानसिक प्रसन्नता, नियमित टहलने, अच्छी नींद और संतोषप्रद कार्यों को जीवन शैली का भाग बनाने की प्रेरणा दी।राज्यपाल महोदया ने सभी को संयमित जीवन जीने और स्व-नियंत्रण द्वारा स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का आह्वान किया।
राज्यपाल ने मन को प्रेरित करने की भी आवश्यकता बताई। उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि उनकी आदतें वर्तमान समय की विकसित नहीं है, बल्कि स्कूली दिनों से ही बनी हुई है।उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने अंदर की कमियों को सुधारने के हिसाब से कार्य करना चाहिए।
आनंदीबेन पटेल ने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया की कोई भी कार्य आत्मविश्वास व श्रद्धा से करते रहना चाहिए। उन्होंने सभी के स्वस्थ होने की कामना की तथा होम्योपैथी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति वर्तमान समय में काफी लाभदायक है। राज्यपाल जी ने संयमित जीवन जीने की सलाह दी और उन्होंने कहा कि संयमित जीवन नियमित व्यायाम तथा स्वयं पर नियंत्रण से आता है।
कार्यशाला के अंत में उन्होंने घोषणा की कि अगले तीन महीनों बाद राजभवन के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों का दोबारा बीएमआई परीक्षण किया जाएगा, ताकि सुधार का आकलन किया जा सके।
कार्यशाला के दौरान किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से डॉ. अर्चना गिल्डियाल, डॉ. शालिनी श्रीवास्तव, एवं डॉ. दिलीप वर्मा ने विशेष सत्रों में सहभागिता की।
डॉ. अर्चना गिल्डियाल ने लाइफस्टाइल मोडिफिकेशन पर अपने विचार रखते हुए शरीर की फिटनेस बनाए रखने के लिए बॉडी कंपोजिशन, विभिन्न प्रकार के व्यायाम, तथा एक्सरसाइज की तीव्रता आदि विषयों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि व्यायाम का प्रकार और स्तर व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य और जीवन शैली के अनुसार निर्धारित होना चाहिए।
डॉ. श्रीवास्तव ने डाइट कंट्रोल विषय पर प्रस्तुति देते हुए कहा कि हमें प्रकृति द्वारा प्रदत्त भोजन को उसकी मूल अवस्था में स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने सभी आयु वर्गों के लिए संतुलित आहार की महत्ता बताते हुए प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, पोषक तत्वों एवं पानी के संतुलित सेवन की सलाह दी।
पैनल चर्चा के दौरान डॉ. दिलीप वर्मा ने भी अपने विचार साझा किए। तीनों विशेषज्ञों ने मिलकर राजभवन के अधिकारियों व कर्मचारियों की जिज्ञासाओं का उत्तर दिया तथा उन्हें स्वस्थ जीवनशैली के लिए प्रेरित किया।
गौरतलब है कि राज्यपाल की प्रेरणा से राजभवन के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों का बीएमआई परीक्षण किया गया है, जिससे उनकी स्वास्थ्य स्थिति का आकलन हो सके।
आज आयोजित यह कार्यशाला राजभवन परिवार को स्वास्थ्य के प्रति सजग एवं जागरूक बनाने की दिशा में एक सराहनीय पहल रही।
कार्यशाला में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ. सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी अशोक देसाई, विशेष सचिव प्रकाश गुप्ता, राजभवन के चिकित्सकगण, तथा सभी अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित रहे।