लखनऊ, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचारियों एवं अपराध-अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं। सूबे के संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल राम नाईक की रिपोर्ट से प्रमाणित होता है कि अखिलेश भ्रष्टाचार में संलिप्त ही नहीं रहे बल्कि भ्रष्टाचारियों के संरक्षण भी प्रदान करते रहे।
प्रदेश अध्यक्ष ने मंगलवार को कहा कि राज्यपाल की रिपोर्ट से पता चलता है कि लोकायुक्त के द्वारा भ्रष्टाचार पर भेजे गये 53 प्रत्यावेदनों पर राज्य सरकार ने केवल 2 प्रत्यावेदनों पर स्पष्टीकरण दिया है, इस रिपोर्ट ने अखिलेश यादव के भ्रष्टाचार और अपराध समर्थक चेहरे को जनता के सामने ला दिया है। उन्होंने कहा कि हालांकि प्रदेश की जनता पहले भी यादव सिंह प्रकरण, लोकसेवा आयोग समेत विभिन्न आयोगों के चेयरमैंन के भ्रष्टाचार के प्रकरण, बसपा शासनकाल के 22 मंत्रियों पर लोकायुक्त जांच के बाद भी उन पर कार्यवाही न करना, चैकडैम घोटाले पर कोई कार्यवाही न करना और गायत्री प्रजापति को खनन में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बचाने समेत विभिन्न मुद्दों पर अखिलेश यादव का भ्रष्टाचारी चेहरा देख चुकी है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्यपाल द्वारा गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के खर्चे और आवंटियों का महालेखाकार द्वारा ऑडिट कराने की संस्तुति किये जाने के बावजूद राज्य सरकार द्वारा जांच नहीं कराया जाना अखिलेश सरकार के संस्थागत भ्रष्टाचार को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि जवाहर बाग काण्ड के बाद प्रदेश में सरकारी जमीन पर हुए अतिक्रमण, अवैध कब्जों, अवैध खनन और उससे राज्य सरकार को हुई हानि पर श्वेतपत्र जारी करने के सवाल पर मुख्यमंत्री का चुप्पी साध लेना इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश में जिनकी साफ सुधरी छवि पेश की जा रही है उनका असली चेहरा क्या है।