लखनऊ ,उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज साफ कह दिया कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में तुष्टिकरण की राजनीति किसी भी कीमत पर नहीं चलेगी। 17वीं विधानसभा के पहले दिन विधानमंडल के दोनो सदनों को संयुक्त रुप से सम्बोधित करते हुए श्री नाईक ने कहा कि राज्य सरकार तुष्टिकरण की नीति से अलग हटकर काम करेगी। सभी वर्गों के हितों की रक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। सरकार की पहली प्राथमिकता प्रदेश में अमन.चैन और कानून का राज स्थापित करना है।
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विपक्ष के जोरदार हंगामें के बीच श्री नाईक ने 101 पृष्ठ के अभिभाषण काे पूरा पढा। आमतौर पर विपक्ष के हंगामे की वजह से राज्यपाल अभिभाषण की पहली और अंतिम लाइन पढ देते थेए लेकिन हंगामे को नजरअंदाज करते हुए 35 मिनट में अपना पूरा अभिभाषण पढा।
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राज्यपाल ने कहा कि पहले आलम यह था कि माताएं.बहिने रात में घर से अकेले निकलने में डरती थींए लेकिन एंटी रोमियो स्क्वायड के गठन तथा मनचलों और आपराधिक प्रवृत्ति के शोहदों पर कार्रवाई के बाद अब वे रात में भी निर्भीक होकर निकलने लगी हैं।
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नाईक ने कहा कि हर हाल में कानून का राज स्थापित किया जायेगा। अपराधियों पर नकेल कसने के लिये एंटी भू माफिया टास्क फोर्स जैसे संगठनो का गठन किया गया है। बलात भूमि कब्जा करने वालों से पीडित को राहत दिलाने का अभियान चलाया गया। थानों में शत.प्रतिशत रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई के निर्देश दिये गये। अपराधियों को कानून के दायरे में सजा दिलाना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है।
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उन्होंने कहा कि पुलिस में भर्ती का अभियान चलाया जायेगा। यूपी 100 सेवा की पहुंच बढाई जायेगी। सुनिश्चित किया जायेगा कि 15 मिनट में पुलिस पीडित की मदद के लिये पहुंच जाये। जवानों के बेहतर स्वास्थ्य के लिये स्वास्थ्य संकुल स्थापित किया जायेगा।
राज्यपाल ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से राज्य के विकास के लिये परिपथों का निर्माण किया जायेगा। इसमें महाभारत परिपथए रामायण परिपथए बृज परिपथए बुंदेलखण्ड परिपथए बौद्ध परिपथए विंध्य परिपथए अवध परिपथए वन इको एवं साहसिक पर्यटन परिपथए जल बिहार परिपथए और सूफी तथा स्वतंत्रता संग्राम परिपथ मुख्य रुप से शामिल हैं।
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उन्होंने कहा कि इसके साथ ही अयोध्याए इलाहाबादए बिठूरए ताजमहलए फतेहपुर सीकरी जैसे महत्वपूर्ण स्थलों और स्मारकों का विकास किया जायेगा। सरकार प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 से जुडे स्थलों के विकास के लिये काफी गंभीर है। बौद्ध परिपथ के दस महत्वपूर्ण स्थानो में से छह उत्तर प्रदेश में हैं। पिछले वर्ष इस परिपथ में करीब सात लाख विदेशी पर्यटक आये। वाराणसी में तो देशी.विदेशी पर्यटकों का रेला लगा रहता है।
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