मुंबई/लखनऊ, पूर्व की अखिलेश यादव सरकार के कई फैसलों पर निर्णायक भूमिका ले चुके उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक नई योगी सरकार द्वारा नर्सरी से अंग्रेजी शिक्षा प्रदान करने के निर्णय पर भी आपत्ति जता सकते हैं। इस बात के संकेत शनिवार को उन्होंने मुंबई में एक समारोह में दिए। राम नाईक ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णय को अमल में लाने की एक प्रक्रिया होती है। इस प्रक्रिया के तहत ही सरकार का हर निर्णय राज्यपाल की मान्यता के लिए भेजा जाता है। नर्सरी से अंग्रेजी शिक्षा प्रदान करने का निर्णय भी जब मेरे पास आएगा तो हम उस पर जो संभव है, उचित निर्णय करेंगे।
उन्होंने कहा कि यह माना हुआ तथ्य है कि बच्चों को प्राथमिक शिक्षा उनकी मातृभाषा में ही देना चाहिए। लेकिन आज लोगों को लगता है कि हम अपने बच्चों को अंग्रेजी नहीं पढ़ाएंगे तो हमारा बच्चा आगे नहीं बढ़ सकेगा। यह बड़ी गंभीर बात है। उत्तर प्रदेश देश का न सिर्फ सबसे बड़ा राज्य है, बल्कि उससे बड़े दुनिया में सिर्फ पांच देश हैं। इसलिए वहां लिया गया कोई भी निर्णय देश के अन्य राज्यों को भी प्रभावित करता है। राज्यपाल ने ये बातें कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के इस निर्णय पर चिंता जताए जाने के बाद कही। राम नाईक ने कहा कि अंग्रेजी से हमारा कोई झगड़ा नहीं है। लेकिन मातृभाषा ही हमें आगे ले जा सकती है। इसलिए हम सबको इसे ध्यान में रखकर ही काम करना चाहिए।